हरियाणा: भाजपा के लिए तीन ‘लाल’ करेंगे कमाल…

भाजपा को तीन लाल के नाम से कमाल की उम्मीद है, जबकि कांग्रेस एंटी इकम्बेंसी से राह रोकने की कोशिश में है। जजपा और इनेलो वजूद की लड़ाई लड़ रहे हैं, आप भी तैयारी में है।

हरियाणा की सबसे मजबूत राजनीतिक बेल्ट बागड़ी है। राजस्थान सीमा के साथ लगने के चलते इस क्षेत्र की बोली और खान-पान से लेकर पहनावे तक पर राजस्थानी असर है। प्रदेश को पांच मुख्यमंत्री और देश को उप प्रधानमंत्री देने वाली यह धरती दशकों तक हरियाणा की सत्ता का केंद्र बिंदु रही है। इसलिए यहां के मतदाता अच्छी राजनीतिक समझ रखते हैं और शह-मात के खेल को बखूबी समझते हैं।

इस बार भी विधानसभा चुनाव में मुकाबला रोमांचक होगा। भाजपा के पास जहां तीन लाल- देवीलाल, चौधरी बंसीलाल और चौधरी भजनलाल के नाम से सत्ता में वापसी की उम्मीद है। इस क्षेत्र में भाजपा के रथ में कई दिग्गज चेहरे कुलदीप बिश्नोई, किरण चौधरी और रणजीत चौटाला सवार हैं।

कांग्रेस यहां एंटी इंकम्बेंसी के ही सहारे है। बड़े चेहरों के नाम पर मात्र हो दी नेता हैं कुमारी सैलजा और सांसद जयप्रकाश जेपी। जजपा और इनेलो यहां अपने परंपरागत वोट बैंक के दम पर वजूद बचाने की जद्दोजहद में है। आम आदमी पार्टी यहां नई सियासी जमीन तलाशने की जुगत में है।

बागड़ी बेल्ट में भिवानी, चरखी दादरी, सिरसा और हिसार व फतेहाबाद का कुछ इलाका आता है। इस दायरे में पांचों जिलों की कुल 16 विधानसभा सीटें हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने इनमें से 8 सीटें जीतकर इस बेल्ट में अपनी जड़े मजबूत की थीं। इसके अलावा कांग्रेस ने 3, निर्दलीयों ने 2 और जजपा, इनेलो और हलोपा ने 1-1 सीट जीती थी।
पिछली बार के मुकाबले इस बार यहां के राजनीतिक समीकरण कुछ बदले हुए हैं। चौधरी भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई, देवीलाल के पुत्र रणजीत सिंह चौटाला और चौधरी बंसीलाल की पुत्रवधू किरण चौधरी अब भाजपा के चेहरे बन चुके हैं।

इसके अलावा हिसार में खासा प्रभाव रखने वाला जिंदल परिवार भी भाजपा के साथ आ चुका है। मंत्री जेपी दलाल, मंत्री डॉ. कमल गुप्ता, डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा भी यहां के बड़े नेता हैं। कांग्रेस के यहां दो विधायक हैं अमित सिहाग, शीशपाल केहरवाला।

पिछली बार किरण चौधरी तोशाम से कांग्रेस टिकट पर विधायक बनी थीं, लेकिन अब वह पद से इस्तीफा देकर भाजपा की राज्यसभा सांसद बन चुकी हैं। इसलिए इस पूरी बेल्ट में कांग्रेस के पास ऐसा कोई बड़ा नेता नहीं है, जिसका पूरे इलाके में प्रभाव हो। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने जरूर इस इलाके को साधने के लिए बड़े-बड़े सम्मेलन किए हैं।

जाट बहुल बेल्ट में वैश्य और बिश्नोई समाज का भी दबदबा
बागड़ी बेल्ट जाट बहुल है। अधिकतर सीटों पर जाट समाज के मतदाता निर्णायक स्थिति में हैं। इनके अलावा बिश्नोई, राजपूत, यादव, कुम्हार समाज के मतदाताओं की संख्या भी यहां खासी है। शहरी सीटों पर वैश्य समाज का प्रभाव है। भिवानी, हिसार और सिरसा में तीनों सीटों पर वैश्य समाज से विधायक हैं।

क्षेत्र के ये नेता बने सीएम
चौधरी देवीलाल, चौधरी भजनलाल, बंसीलाल, ओमप्रकाश चौटाला, मास्टर हुकुम सिंह, बनारसी दास

इस बार भी सीएम की दौड़ में
कुमारी सैलजा, दुष्यंत चौटाला, अभय सिंह चौटाला और कुलदीप बिश्नोई

नहरी पानी है बड़ा मुद्दा
दशकों तक सत्ता संभालने के बाद भी इस बेल्ट में समस्याओं की कमी नहीं है। आज भी यहां विकास की कमी साफ झलकती है। सबसे बड़ा मुद्दा नहरी पानी कम मिलना है। कुछ इलाकों को छोड़ दें तो जमीन कम उपजाऊ है और टेल तक नहर का पानी नहीं पहुंच पाता। कुछ इलाका ऐसा है, जहां पर सेम की समस्या के चलते जमीन पर पानी जमा रहता है और फसलों की बिजाई ही नहीं हो पाती।

सिंचाई मंत्री रहते जेपी दलाल ने जरूर इस इलाके की प्यास बुझाने की कोशिश की है। स्वास्थ्य सेवाएं भी यहां कमजोर हैं। कोई बड़ा स्वास्थ्य संस्थान नहीं है, इसलिए यहां के लोगों को गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए राजस्थान जाना पड़ता है। रोजगार, नौकरी और कोई बड़ा उद्योग स्थापित नहीं हो पाना भी लोगों के मुद्दे हैं।

16 में से 8 सीटों पर भाजपा का कब्जा

विधानसभा – क्षेत्र पार्टी
भिवानी – भाजपा
बवानीखेड़ा – भाजपा
लोहारू – भाजपा
तोशाम – कांग्रेस
बाढ़ड़ा – जजपा
चरखी दादरी – निर्दलीय
हिसार – भाजपा
नलवा – भाजपा
आदमपुर – भाजपा
फतेहाबाद – भाजपा
रतिया – भाजपा
सिरसा – हलोपा
रानिया – निर्दलीय
ऐलनाबाद – इनेलो
डबवाली – कांग्रेस
कालांवाली – कांग्रेस

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com