हरियाणा में इस बार का विधानसभा चुनाव कई मायनों में रोचक होने जा रहा है। एक ही कुनबे के कई दिग्गज नेता एक-दूसरे के खिलाफ चुनावी ताल ठोकने जा रहे हैं। हालांकि उन्हें पता है कि इससे उनके समर्थकों के वोट कटने की पूरी संभावना है। इसी से बचने के लिए भाजपा सांसद राव इंद्रजीत सिंह के छोटे भाई यदुवेंद्र सिंह ने भतीजी आरती राव (राव इंद्रजीत सिंह बेटी) को एक सलाह दी है। आरती को उन्होंने कोसली सीट छोड़ने की सलाह दी है। क्योंकि पूर्व कांग्रेस विधायक यदुवेंद्र सिंह ने यहां से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है।
उन्हें आशंका है कि अगर वे और उनकी भतीजी कोसली से चुनाव लड़ेंगे तो हार जाएंगे। यदुवेंद्र सिंह का तर्क है कि वे दोनों एक ही गोत्र से हैं। इस कारण उनके अहीर समर्थक बंट जाएंगे और किसी दूसरे को इससे लाभ हो सकता है। उनका यह बयान वायरल हो रहा है। हालांकि आरती राव ने इस संबंध में अभी चुप्पी साध रखी है। बता दें कि भाजपा ने अटेली और कोसली सीट को आरती राव के लिए संरक्षित करने की चर्चा है।
इनेलो से आए भाजपा में, अब है कांग्रेस में
यदुवेंद्र सिंह इनेलो से भाजपा में आए थे लेकिन वर्ष 2023 में कांग्रेस में चले गए थे। वह खुलेआम अपनी उम्मीदवारी की घोषणा कर रहे हैं और कहा जा रहा है कि इसी वादे के साथ उन्होंने कांग्रेस का दामन थामा है। वर्ष 2014 में जगदीश यादव ने इनेलो के टिकट पर कोसली विधानसभा से चुनाव लड़ा था, लेकिन वे हार गए थे। बाद में वह भाजपा में शामिल हो गए, लेकिन वर्ष 2019 में पार्टी का टिकट पाने में असफल रहने पर कांग्रेस का दामन थाम लिया था।
टिकट न मिलने की स्थिति में भी वह जमीन पर सक्रिय बने रहे। उनके समर्थकों का दावा है कि वह इस बार कांग्रेस के टिकट के प्रबल दावेदार हैं। वहीं यदुवेंद्र समर्थकों को उम्मीद है कि पार्टी एक बार फिर उपके नेता पर भरोसा दिखाएगी।
राव बच रहे टिप्पणी से : राव इंद्रजीत सिंह भी आरती राव की उम्मीदवारी के बारे में बयान देने से बच रहे हैं। वर्ष 2009 में विधायक रहने के बाद, पूर्व प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष बटुवेंद्र सिंह वर्ष 2014 और 2019 में कोसली से लगातार दी विधानसभा चुनाव हार चुके हैं। इस बार कांग्रेस की स्थिति मजबूत दिख रही है। जीत के प्रति यदुवेंद्र आश्वस्त दिख रहे हैं। उन्होंने अपना अभियान भी शुरू शुरू कर दिया है। यदुवेंद्र सिंह के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा के साथ अच्छे संबंध माने जाते हैं। सोशल मीडिया पर उन्होंने मतदाताओं से कांग्रेस को समर्थन देने की अपील की है। हालांकि यदुवेंद्र सिंह को पूर्व मंत्री जगदीश यादव से कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।