हवाई सीमा उल्लंघन मामले में चीन ने एक बार फिर भारत को गलत बताया है. चीन के रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी किया है कि चीनी सेना ने LAC यानी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर जो गतिविधियां कीं, वो उनका क्षेत्र है. चीनी रक्षा मंत्रालय ने भारतीय मीडिया रिपोर्ट्स को आधारहीन बताया है.
सुषमा ने सोमवार को उठाया था मुद्दा
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सोमवार को कहा था कि उत्तराखंड में पीएलए के हेलिकॉप्टरों द्वारा हवाई क्षेत्र उल्लंघन के मुद्दे को ‘101 फीसदी’ चीन के साथ उठाया जाएगा. वहीं बीजिंग ने अपनी कार्रवाई का बचाव करते हुए कहा था कि LAC का यह विवादित इलाका है और उसकी सेना हमेशा वहां गश्ती करती है.
सुषमा ने कहा था कि पहली बार हवाई सीमा उल्लंघन की घटना हुई है और हम इस मुद्दे को 101 फीसदी चीन के साथ उठाएंगे. वहीं चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने मीडिया से कहा था, ‘सैद्धांतिक तौर पर चीन-भारत सीमा के पूर्वी भाग में चीन और भारत का क्षेत्रीय विवाद है.’
भारत में आधिकारिक सूत्रों ने बताया है कि चीनी सेना के हेलिकॉप्टरों ने भारतीय सेना की तस्वीरें ली होंगी जो संभवत: जासूसी अभियान हो सकता है. हेलिकॉप्टर करीब पांच मिनट बाद चीन की ओर लौट गए. भारतीय वायु सेना घटना की जांच कर रही है. पहले कुछ मौकों पर भी चीनी हेलिकॉप्टर भारतीय क्षेत्र में 4.5 किलोमीटर तक घुस गए थे जिस पर चीन अपना दावा जताता है.
इस सेक्टर में तीन सीमावर्ती चौकियों में से एक बाराहोती है जहां आईटीबीपी जवानों को जून 2000 में केंद्र सरकार द्वारा लिए गए एकपक्षीय फैसले के तहत हथियार ले जाने की अनुमति नहीं है और वे सादे कपड़ों में तैनात रहते हैं. वर्ष 1958 में भारत और चीन ने 80 वर्ग किलोमीटर चारागाह क्षेत्र बाराहोती को विवादित इलाका घोषित किया था जहां दोनों में से कोई भी देश अपनी सेना नहीं भेजेगा.