डेंगू की वैक्सीन ‘क्यूडेंगा’ ने इस बीमारी के मामले के कम करने में 50 प्रतिशत से अधिक असर दिखाया है। इसका असर लंबे समय तक बना रहता है। 19 अध्ययनों की समीक्षा से यह जानकारी मिली है। इस समीक्षा में 20 हजार से ज्यादा लोग शामिल हुए।
डेंगू की रोकथाम के लिए असरदार होगी वैक्सीन
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मई में इस वैक्सीन को पूर्व-स्वीकृति दी थी। जापान की टेकेडा फार्मास्युटिकल इंडस्ट्रीज लिमिटेड द्वारा विकसित क्यूडेंगा वैक्सीन को टीएके-003 भी कहा जाता है। समीक्षा के अनुसार वैक्सीन की दो डोज लगवाने के बाद 90 प्रतिशत से ज्यादा वयस्कों और बच्चों में डेंगू के खिलाफ प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया हुई।
वैक्सीन की दो डोज असरदार
इटली की फेरारा विश्वविद्यालय से जुड़ी और जर्नल ‘वैक्सीन’ में प्रकाशित अध्ययन की मुख्य लेखिका मारिया एलेना फ्लैको ने कहा कि वैक्सीन की दो डोज निस्संदेह डेंगू की रोकथाम के लिए असरदार हो सकती हैं। लेखकों ने यह भी पाया कि वैक्सीन की एक डोज लगवाने वालों में से 70 प्रतिशत से अधिक वयस्कों और 90 प्रतिशत से अधिक बच्चों और किशोरों में संक्रमण के खिलाफ प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया हुई।
भारत में इस्तेमाल के लिए मंजूरी नहीं
फरवरी में टेकेडा और बायोलाजिकल ई लिमिटेड, हैदराबाद ने क्यूडेंगा वैक्सीन के लिए रणनीतिक साझेदारी की घोषणा की थी। हालांकि, इसे भारत में इस्तेमाल के लिए मंजूरी नहीं मिली है। डेंगू पैदा करने वाला डीईएनवी वायरस संक्रमित मादा एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से मनुष्यों में फैलता है। डेंगू के लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द हो सकते हैं। यह बीमारी जानलेवा भी हो सकती है।
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