फेसबुक प्रोफाइल को जो लोग हर समय जांचते रहते हैं, वे इसका कम इस्तेमाल करने वालों की तुलना में ज्यादा उदास और अस्वस्थ रहते हैं। येल यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ऑफ कैलीफोर्निया, सैन डिएगो (यूसीएसडी) के शोधार्थियों ने 2013 से 2015 के बीच 5,208 प्रतिभागियों के फेसबुक के इस्तेमाल और मानसिक स्वास्थ्य का आकलन किया।
‘मेट्रो डॉट को डॉट यूके’ की रिपोर्ट के अनुसार, निष्कर्षो से पता चला कि फेसबुक का बढ़ता उपयोग सामाजिक, शारीरिक और मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य की कमी से संबंधित रहा। इससे यह भी पता चला कि अगर उपभोक्ता अपनी प्रोफाइल्स और पोस्ट को औसत से अधिक बदलते और उन्हें लाइक करते हैं तो उन्हें मानसिक स्वास्थ्य विकार होने का खतरा अधिक होता है।
यह रिपोर्ट यूसीएसडी के पब्लिक हेल्थ होली शाक्य के सहायक प्राध्यापक और येल के निकोलस क्रिस्ताकिस के नेतृत्व में तैयार की गई। यह शोध ‘अमेरिकन जर्नल ऑफ एपिडेमियोलॉजी’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।