पूर्व मंत्री आशू की गिरफ्तारी के बाद राजा वड़िंग व सांसद चन्नी की चुप्पी पर टिकी सबकी नजरें…

पंजाब के कांग्रेस के पूर्व सीनियर मंत्री भारत भूषण आशू की गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस पार्टी पर सबकी नजरें टिक गई हैं। दरअसल, कांग्रेस के सीनियर मंत्री आशू को गत दिन ई.डी. ने 9 घंटे पूछताछ करने के बाद गिरफ्तार कर लिया है जिससे उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं। वरिष्ठ नेता की गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस पार्टी में न तो कोई हलचल और न ही कांग्रेस अध्यक्ष राजा वड़िंग व सांसद बने चरणजीत सिंह को कोई फर्क पड़ता हुआ नजर नहीं आ रहा है।

पूर्व मंत्री आशू की गिरफ्तारी के बाद उनकी कोई भी प्रतिक्रिया या बयान सामने नहीं आया है। आपको बता दें भारत भूषण की बढ़ी प्रॉपर्टी को ई.डी. जांच कर रही हैं। मंत्री आशू के द्वारा विदेशों में ट्रांजेक्शन हुई है, ये किनके खातों द्वारा हुई है इसे लेकर हर एंगल से जांच में जुटी हुई है। पूर्व मंत्री आशू की आज कोर्ट में पेश किया जाएगा।

वैसे भी कांग्रेस पार्टी हमेशा चर्चा में रही है। लोकसभा चुनाव दौरान व उपचुनाव के दौरान भी इनकी पार्टी में अंतकर्लह के चर्चा होते रहे हैं। लुधियाना से रवनीत बिट्टू के भाजाप में शामिल होने के बाद उनकी जगह भारत भूषण आशू को उम्मीदवार के तौर पर देखा जा रहा था लेकिन हाईकमान ने राजा वड़िंग को पहल दी। लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान पार्टी के लिए आशू कहीं भी खड़े हुए नजर नहीं आए। इसी दौरान आशू के भाजपा में शामिल होने की भी बात सामने आई थी।

आपको बता दें कि गत दिन यानी वीरवार को सुबह 10 बजे पंजाब के पूर्व मंत्री और कांग्रेस सीनियर लीडर भारत भूषण आशु आज जालंधर स्थित ईडी के दफ्तर पहुंचे। इस दौरान उनसे ईडी जालंधर दफ्तर में पूछताछ की गई। सुबह से शुरू हुई पूछताछ शाम तक चली जिसका भारत भूषण आशू तसल्लीबख्श जवाब नहीं दे सके। वहीं भी जानकारी मिली है कि भारत भूषण आशु को 2 दिन पहले ईडी ने किसी मामले में सम्मन जारी किए थे। गौरतलब है कि भारत भूषण आशु के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है।

पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु जब खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्रालय की बागडोर संभाल रहे थे, तब उन पर करीब 2 हजार करोड़ रुपए के टेंडर में धोखाधड़ी का आरोप लगा था। पंजाब की मंडियों में श्रम और परिवहन टेंडरों में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हुईं। इस मामले की जांच के दौरान यह जानकारी भी सामने आई है कि ट्रांसपोर्टेशन और सप्लाई के नाम पर कई फर्जी गाड़ियों का इस्तेमाल और दुरुपयोग किया गया। आपको ये भी बता दें कि ये मामले पहले विजिलेंस द्वारा उठाया गया था, इस मामले में विजिलेंस ने कोर्ट में चालान भी पेश किया था। इसके बाद इस मामले में की जांच ईडी द्वारा शुरू की गई। ईडी ने इसके दस्तावेज मांगे थे, जिसके बाद आज भारत भूषण आशु को ईडी ने पेश होने के लिए कहा था।

टेंडर घोटाला मामला
गौरतलब है कि मंडी में लेबर ट्रांसपोर्टेशन टेंडर घोटाला में अनाज मंडियों में आरोपी वाहनों पर नकली नंबर पलेट लगाकर माल की ढुलाई करते थे। आरोपियों ने टेंडर में गलत वाहनों के नंबरो को दिखा दिया। जांच दौरान सामने आया कि जो नंबर दिखाए गए थे व स्कूटर, मोटरसाइकिल व थ्री व्हीलर के थे, जोक माल ढोहने के लिए मान्य नहीं है। इस मामले में करीब 2 महीने पहले कुछ ट्रांसपोर्ट मालिकों व ठेकेदारों पर भी आरोपे लगे थे कि उन्होंने उस समय भारत भूषण आशु को फायदा पहुंचाया है और करोड़ों धोखाधड़ी में साथ दिया है। इस मामले में विजिलेंस द्वारा एफआईआर भी दर्ज करके सभी गिरफ्तारी शुरू की गई थी।

जांच दौरान ई.डी. को उन्हें करीब डेढ़ करोड़ रुपए की 5 सरकारी संपत्तियों की जानकारी मिली। पिछले साल छापेमारी के दौरान जांच एजेंसी को यह संभावना दिखी थी कि ये संपत्तियां धोखाधड़ी के पैसों से खरीदी गई हैं। जांच एजेंसी ने तलाशी के दौरान मिले करीब 30 लाख रुपए भी जब्त कर लिए हैं और आगे की जांच शुरू कर दी है। इसकी जांच पंजाब पुलिस के विजिलेंस ब्यूरो की टीम कर रही थी। इसी केस के आधार पर केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने इस केस को अपने हाथ में लिया और इस मामले की जांच के दौरान कई आरोपियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन के दौरान काफी अहम सबूत जुटाए गए।

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