फिल्म इंडस्ट्री में 10 साल पूरे करने के बाद अभिनेत्री निकिता दत्ता एक नए सफर की शुरुआत कर रही हैं। अभिनेत्री अब मराठी फिल्म में डेब्यू कर रही हैं। अपने नए फिल्मी सफर को लेकर निकिता बहुत उत्साहित हैं। बता दें कि निकिता को पिछली बार कबीर सिंह फिल्म में देखा गया था। इस फिल्म में कियारा के बाद निकिता के अभिनय की दर्शकों ने खूब प्रशंसा की थी।
अब हाल ही में, एक इंटरव्यू में निकिता ने मराठी फिल्म इंडस्ट्री में अपने डेब्यू को लेकर कहा, “मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं क्षेत्रीय फिल्मों में आऊंगी। जब से मैं इस इंडस्ट्री में आई हूं, मैं हिंदी में ही रही हूं। चाहे वह टीवी हो, फिल्में हों या ओटीटी, लेकिन जब यह फिल्म मेरे पास आई तो मुझे इसका आइडिया पसंद आया। मैं फिल्म में हिंदी बोल रही हूं, मराठी नहीं। इसलिए, भाषा न जानने और फिर भी जानने का दिखावा करने का पूरा विचार वहां नहीं था। मुझे बस, जो मैं हूं, वही दिखाना था। इसलिए, मुझे लगा कि मैं इस भूमिका के साथ न्याय कर सकती हूं और भाषा जाने बिना भी इस दुनिया का हिस्सा बन सकती हूं।”
अभिनेत्री ने आगे कहा कि बॉलीवुड की तुलना में क्षेत्रीय सिनेमा के कलाकार अपने काम पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करते हैं। निकिता ने कहा “मेरे कई सह-कलाकार थिएटर कलाकार हैं। इसलिए, वे बहुत ही अलग विचारधारा से आते हैं। वे दिखावे के बारे में नहीं बल्कि अपने अभिनय के बारे में अधिक सोचते हैं और मैं इसकी सराहना करती हूं।”
उन्होंने आगे कहा, “जब तक फिल्म के बारे में बात नहीं की जाती, तब तक यह लोगों का ध्यान आकर्षित नहीं करती। जब ‘सैराट’ रिलीज हुई और लोगों ने इसके बारे में बात की, तब मैं भी फिल्म देखने गई और ऐसा ही किसी भी क्षेत्रीय फिल्म के साथ होता है। एक बार जब रिलीज हो जाती है और उसके बाद इसके बारे में चर्चा होती है।”
शाहिद कपूर की कबीर सिंह को लेकर निकिता ने कहा, “कबीर सिंह के बाद मेरे पास पांच फिल्में थीं, लेकिन फिर लॉकडाउन हो गया और उनमें से दो फिल्में बंद हो गईं, उनमें से दो थिएटर से ओटीटी पर चली गईं और एक फिल्म की रिलीज तीन साल आगे बढ़ गई।” ‘कबीर सिंह’ के बाद निकिता ने कभी भी पीआर मशीनरी पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया।