ऑपरेशन हुर्रियत का असर, अलगाववादियों के 21 ठिकानों पर NIA के छापे, गिलानी-हाफिज सईद पर FIR

कश्मीर में टेरर फंडिंग को लेकर अलगाववादी नेताओं के साथ पूछताछ के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी NIA ने बड़ी छापेमारी की है. एनआईए ने कश्मीर में अलगाववादियों के 14 और दिल्ली में 7 ठिकानों पर छापेमारी की है. एनआईए ने इस मसले पर एफआईआर भी दर्ज कर ली है.अब तक छापेमारी के दौरान दिल्ली और श्रीनगर से सवा करोड़ रुपए की रकम बरामद की गई है.

ऑपरेशन हुर्रियत का असर, अलगाववादियों के 21 ठिकानों पर NIA के छापे, गिलानी-हाफिज सईद पर FIR

एनआईए ने हुर्रियत के जिन नेताओं के यहां छापे मारे हैं उनमें नईम खान, बिट्टा कराटे, जावेद गाजी बाबा शामिल हैं. इन नेताओं से एनआईए ने पूछताछ की थी. अब प्रारंभिक जांच रिपोर्ट एफआईआर में तब्दील कर ली गई है. हवाला मामले और आतंकियों को होने वाले फंडिंग मामले में एनआईए की टीम दिल्ली के चांदनी चौक, बल्लीमारान सहित सात स्थानों छापेमारी कर रही है. इसके अलावा जम्मू-कश्मीर के 14 स्थानों पर भी छापेमारी चल रही है. अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी पर भी एनआईए ने अपनी पकड़ मजबूत कर ली है. एनआईए ने उन पर एफआईआर दर्ज कर ली है.

एनआईए ने आतंकी हाफिज सईद, हुर्रियत नेताओं और दुखतराने मिल्लत पर भी एफआईआर दर्ज की है. जांच एजेंसियों के मुताबिक सबसे पहले पैसा पाकिस्तान से सऊदी अरब और फिर उसके बाद बांग्लादेश, श्रीलंका के हवाला ऑपरेटर के जरिए दिल्ली के हवाला ऑपरेटर के पास पहुंचाया जा रहा है. इसके बाद दिल्ली, हरियाणा के कुछ व्यापारियों की मदद से पैसा कश्मीर में अलगाववादियों तक पहुंचाया जा रहा है. एनआईए इन व्यापारियों की पहचान कर चुकी है. जल्द पाक फंडिंग के मामले में कई गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं.

NIA के सामने अलगाववादी नेताओं का कबूलनामा

इससे पहले घाटी के अलगाववादी नेता फारूक अहमद डार उर्फ ‘बिट्टा कराटे’, जावेद अहमद बाबा उर्फ ‘गाजी’ और नईम खान ने NIA के सामने पूछताछ में बड़ा खुलासा किया था. सूत्रों के मुताबिक सैय्यद अली शाह गिलानी को नियमित रूप से पैसे मिलते थे. अलगाववादी नेता को पाकिस्तान से अलग-अलग चैनल से पैसे मिलते थे. जिसमें हवाला और क्रॉस बॉर्डर ट्रेड से मुख्य तौर पर पैसा मिलता था.

क्या था ऑपरेशन हुर्रियत?

आजतक/इंडिया टुडे ने स्टिंग ऑपरेशन हुर्रियत कर कश्मीर में पत्थरबाजी और अशांति के लिए पाकिस्तानी फंडिंग का खुलासा किया था. इसमें पहली बार कैमरे पर अलगाववादी नेता पाकिस्तान से पैसे लेकर घाटी में माहौल खराब करने की बात कबूलते दिखे. इसके बाद केंद्र सरकार ने एनआईए को इसकी जांच सौंप दी.

आजतक के स्टिंग ऑपरेशन में क्या खुलासे हुए थे

आजतक/इंडिया टुडे की विशेष जांच टीम (SIT) ने अपनी तहकीकात में पत्थरबाजों के धूर्त फाइनैंसर्स को बेनकाब किया था. ये हमेशा माना जाता रहा है कि कश्मीर घाटी में गर्मियों में फैलाई जाने वाली गड़बड़ी के तार सरहद पार बैठे स्पॉन्सर्स से जुड़े होते हैं. लेकिन पहली बार इंडिया टुडे को इस संबंध में पुख्ता सबूत जुटाने में कामयाबी मिली. कैमरे पर हुर्रियत के कई नेताओं ने कबूल किया कि उन्हें पाकिस्तान से फंड मिलता है ताकि घाटी में अशांति का माहौल बनाए रखा जा सके.

हुर्रियत के गिलानी धड़े के प्रांतीय अध्यक्ष नईम खान से हमारे अंडरकवर रिपोर्टर्स ने संपर्क साधा और खुद को काल्पनिक धनकुबेर बताते हुए कश्मीर के अलगाववादियों को फंडिंग की इच्छा जताई. नईम फिर चोरी छिपे ढंग से अंडरकवर रिपोर्टर्स से मिलने दिल्ली तक पहुंच गया. नईम ने जो खुलासे किए वो चौंकाने वाले थे. नईम खान कैमरे पर ये कहते हुए कैद हुआ कि ‘पाकिस्तान पिछले 6 साल से कश्मीर में बड़ा प्रदर्शन खड़ा करने के लिए हाथ-पैर मार रहा है.’ घाटी में हिंसा को बढ़ावा देने के लिए किस स्तर पर पैसा धकेला जा रहा है, इस पर नईम खान ने कहा, ‘पाकिस्तान से आने वाला पैसा सैकड़ों करोड़ से ज्यादा है, लेकिन हम और ज्यादा की उम्मीद करते हैं.’

हुर्रियत नेता ने ये भी कबूला कि किस तरह इस्लामाबाद काले धन की धुलाई को भी अंजाम दे रहा है. इस तरह कैमरे पर किसी भी कश्मीरी अलगाववादी नेता ने पहली बार ये खुलासा किया. स्टिंग में हुर्रियत नेताओं के कबूलनामे से साफ हुआ कि घाटी में दिखाए जाने वाले गुस्से की स्क्रिप्ट किस तरह पाकिस्तान लिखता है. साथ ही घाटी के असली खलनायकों का काले चिट्ठे का भी खुलासा होता है.

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