गुप्त नवरात्र की अष्टमी पूजा में जरूर करें इन श्लोकों का पाठ

हर साल दो बार गुप्त नवरात्र मनाई जाती है एक माघ गुप्त नवरात्र और दूसरी आषाढ़ माह के गुप्त नवरात्र। इस दौरान मुख्य रूप से 10 महाविद्याओं की विशेष रूप से पूजा-अर्चना की जाती है। ऐसा माना जाता है कि गुप्त नवरात्र की पूजा को जितने गुप्त तरीके से किया जाए उनका फल भी साधक को उनका ही अधिक मिलता है।

हिंदू धर्म में गुप्त नवरात्र की अवधि को विशेष महत्व दिया गया है। इस दौरान 10 महाविद्याओं की पूजा गुप्त रूप से की जाती है। गुप्त नवरात्र की अष्टमी तिथि विशेष मानी गई है। इस दि पर दुर्गा सप्तशती का पाठ करना बहुत ही शुभ माना गया है, जिसमें 13 अध्याय और 700 श्लोक हैं। ऐसे में यदि आप सम्पूर्ण दुर्गा सप्तशती का पाठ करने में सक्षम नहीं हैं तो केवल इन 07 श्लोकों का पाठ भी कर सकते हैं। इससे भी आपको जीवन में अच्छे परिणाम देखने को मिल सकते हैं।

अष्टमी तिथि पूजा मुहूर्त
इस साल आषाढ़ गुप्त नवरात्र की शुरुआत 06 जुलाई, शनिवार के दिन से हुई थी, जो 15 जुलाई, सोमवार को समाप्त हो रहे हैं। ऐसे में आषाढ़ गुप्त नवरात्र की अष्टमी 14 जुलाई, रविवार के दिन मनाई जाएगी। इस दौरान पूजा मुहूर्त शाम 05 बजकर 01 मिनट पर शुरू होगा, जो 05 बजकर 49 मिनट तक रहने वाला है।

दुर्गा सप्तशती के श्लोक

ॐ ज्ञानिनामपि चेतांसि देवी भगवती हि सा।

बलादाकृष्य मोहाय महामाया प्रयच्छति।।

दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेष जन्तोः स्वस्थैः स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि।

दारिद्र्य दुःख भयहारिणि का त्वदन्या सर्वोपकार करणाय सदार्द्रचित्ता।।

सर्वमङ्गल माङ्गल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।

शरण्ये त्र्यंम्बके गौरि नारायणि नमोस्तु ते॥

शरणागत दीनार्तपरित्राण परायणे

सर्वस्यार्ति हरे देवि नारायणि नमोस्तु ते॥4॥

सर्वस्वरुपे सर्वेशे सर्वशक्ति समन्विते।

भयेभ्यस्त्राहि नो देवि दुर्गे देवि नमोस्तु ते॥

रोगानशेषानपंहसि तुष्टारुष्टा तु कामान् सकलानभीष्टान्।

त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां त्वामाश्रिता हि आश्रयतां प्रयान्ति॥

सर्वबाधा प्रशमनं त्रैलोक्यस्याखिलेश्वरि।

एवमेव त्वया कार्यम् अस्मद् वैरि विनाशनम्॥

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com