किसान आंदोलन का असर: शंभू बॉर्डर खुलवाने की मांग ने रफ्तार पकड़ी

किसान आंदोलन के कारण पांच महीने से नेशनल हाईवे 44 बंद है। इससे अंबाला के दुकानदार, व्यापारी, छोटे बड़े रेहड़ी फड़ी वाले भुखमरी के कगार पर आ गए हैं। वासु रंजन शांडिल्य ने याचिका में पंजाब व हरियाणा सरकार सहित किसान नेता स्वर्ण सिंह पंढेर व जगजीत सिंह डल्लेवाल को भी पार्टी बनाया है।

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट वासु रंजन शांडिल्य ने पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में शंभू बॉर्डर खुलवाने के लिए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। वासु रंजन शांडिल्य ने बताया कि जनहित याचिका में बताया कि पांच महीने से नेशनल हाईवे 44 बंद है।

इससे अंबाला के दुकानदार, व्यापारी, छोटे बड़े रेहड़ी फड़ी वाले भुखमरी के कगार पर आ गए हैं। याचिका में मांग की गई है कि शंभू बॉर्डर को तुरंत प्रभाव से खोलने के आदेश दिए जाएं। शनिवार को दायर की गई याचिका पर सोमवार को सुनवाई होने की उम्मीद है। वासु रंजन शांडिल्य ने याचिका में पंजाब व हरियाणा सरकार सहित किसान नेता स्वर्ण सिंह पंढेर व जगजीत सिंह डल्लेवाल को भी पार्टी बनाया है।

याचिका में हाईकोर्ट को बताया कि शंभू बॉर्डर बंद होने के कारण सरकारी बसों को रूट डायवर्ट किया हुआ है। जिससे तेल का खर्च बढ़ रहा है और अंबाला व शंभू के आसपास के मरीज बॉर्डर बंद होने के कारण दिक्कत में है और एंबुलेंस के लिए भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, वासु रंजन शांडिल्य ने कहा कि हरियाणा पंजाब के वकीलों को भी अंबाला से पटियाला व पटियाला वालों को अंबाला की अदालतों में आने में भारी दिक्कतें हो रही हैं।

वासु रंजन ने कहा कि रास्ता किसके कारण ओर क्यों बंद है इस पर निर्णय हाईकोर्ट करेगा लेकिन चाहे हरियाणा सरकार हो या पंजाब सरकार हो या केंद्र रोड को बंद करना जनता के मौलिक अधिकारों का हनन है। जबकि फरवरी 2024 से शंभू बॉर्डर बंद पड़ा है।

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