मानसून तेज गति से आगे बढ़ते हुए पूरे उत्तर प्रदेश में छा गया है। सोमवार की सुबह अलीगढ़, बागपत, बाराबंकी, बरेली, भदोही, फतेहपुर, गोरखपुर, झांसी, लखीमपुर खीरी समेत प्रदेश के कई इलाकों में अच्छी बरसात रिकार्ड हुई।
जुलाई के पहले ही दिन मौसम विभाग ने जुलाई में सामान्य से अधिक बरसात के आसार जताए हैं। आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह और मो. दानिश ने बताया कि भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर में अलनीनो परिस्थितियां समाप्त हो चुकी हैं।
इस कारण जुलाई के महीने में प्रदेश के पूर्वोत्तर हिस्से को छोड़कर ज्यादातर हिस्सों में सामान्य या सामान्य से अधिक बारिश के आसार हैं। उत्तर पूर्वी हिस्से में गोरखपुर के आसपास कुछ स्थानों पर बारिश कम हो सकती है। इसके अतिरिक्त मानसून ऋतु के उत्तरार्ध में अगस्त-सितंबर के दौरान ला-नीना सक्रिय होते ही अच्छी मानसूनी बरसात के संकेत हैं।
वहीं, सोमवार की सुबह सुबह साढ़े आठ बजे तक खीरी में 110 मिमी बरसात हो चुकी थी। कानपुर में सुबह तक 41.2 मिमी पानी बरस चुका था, शाम तक इसमें इजाफा हुआ और 17.6 मिमी पानी और बरस गया। बरेली में भी 32 मिमी से अधिक बरसात हुई।
आज का पूर्वानुमान
प्रदेश के कई हिस्सों में भारी से भारी बरसात की चेतावनी मौसम विभाग ने जारी की। गोरखपुर, कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुरखीरी, सीतापुर, सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, हापुड़, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर, संभल, बंदायूं व आसपास भारी बरसात के आसार हैं। इन इलाकों के लिए आरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
16 राज्यों के लिए अलर्ट
दक्षिण पश्चिम मानसून सक्रिय हो गया है। इसके प्रभाव से उत्तराखंड, हरियाणा और राजस्थान से लेकर पूरब में बिहार, बंगाल और असम समेत पूर्वोत्तर के राज्यों में अत्याधिक वर्षा दर्ज की गई। मौसम विभाग ने मंगलवार को 16 राज्यों के लिए अलर्ट जारी किया है।
क्या है ला-नीना
एक ऐसी जलवायु परिस्थिति है, जिसमें भूमध्यक्षेत्रीय प्रशांत क्षेत्र में समुद्र की सतह का तापमान कम होने से ठंडी अवस्था होती है। जबकि एलनीनो एक प्रकार की गर्म अवस्था है।
चेतावनी बिंदु के करीब पहुंचा राप्ती का जलस्तर
राप्ती नदी का जलस्तर सोवार को चेतावनी बिंदु के करीब पहुंच गया। डीएम पवन अग्रवाल ने राप्ती के कोड़री व सिसईघाट पुलों का निरीक्षण कर बाढ़ खंड के एक्सईएन जेके लाल व अवर अभियंता अंचल को निर्देश दिया कि राप्ती की कटान रोकने के लिए समय रहते सभी तैयारी पूरी कर लें।