नोएडा, गाजियाबाद और ग्रेटर नोएडा में स्कूली बच्चों के अभिभावकों ने प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ डीएनडी पर जोरदार प्रदर्शन किया. इनका कहना है कि जिस तरह से स्कूलों द्वारा मनमानी फीस वसूली जा रही हैं, वो बंद होनी चाहिए. स्कूलों के फीस में पारदर्शिता होनी चाहिए और स्कूल हिसाब भी दें की जितने बच्चों से फीस ली गई है, उतने पैसों का स्कूलों ने क्या किया. कितने पैसे शिक्षकों की सैलेरी पर खर्च किए गए? और कितने ट्रांसपोर्ट पर? यानी स्कूल हिसाब दें कि पैसा कहां कितना खर्च हुआ है.
CAG आडिट कि भी मांग
अभिभावकों ने प्रदर्शन के साथ ही स्कूलों को लेकर CAG आडिट कराने कि भी मांग की है. उनका कहना है कि इस रिपोर्ट से ही पता चलेगा कि आखिर स्कूल इतना पैसा कहां खर्च कर रहा है. अभिभावकों का कहना था कि हम कई सालों से इस जांच कि मांग कर रहे हैं मगर अभी तक कोई असर दिखाइ नहीं दिया है. मगर हम यहां डटे रहेंगे जब तक कि हमारी मांगें नहीं मानी जाती. अभिभावकों का कहना है कि कोई पैमाना तय हो कि इतनी फीस ही आप ले सकते हैं. बच्चों और अभिभावकों को आजादी हो कि वो बाहर बाजार से भी जूते, किताबें और भी बाकी चीजें खरिद सकें.
योगी सरकार और प्रधानमंत्री मोदी से अभीभावकों ने की अपिल
इस प्रदर्शन के साथ ही अभिभावकों ने प्रधानमंत्री मोदी से भी अपील कि की वो इस मामले पर ध्यान दें. साथ ही उत्तर प्रदेश में योगी सरकार से भी विनती की. इनका कहना है कि हमने योगी सरकार को इस मुद्दे को लेकर चुना है. पिछली सरकारों को तो हम बोल बोल कर थक गए थे. अब उम्मीद है कि योगी सरकार हमारी कुछ मदद करेगी.