नशा तस्करों से सौदेबाजी में तत्कालीन सीआईए-टू प्रभारी समेत पांच निलंबित

30 लाख में सौदा कर एक आरोपी को छोड़ने व कम नशा बरामदगी दिखाने का आरोप है। मामला संज्ञान में आने के बाद एसपी ने प्रथमदृष्टया जांच में पुलिसकर्मियों को दोषी पाया है। छोड़े गए आरोपी को गिरफ्तार कर पूछताछ की गई तो मामले का खुलासा हुआ। 

हरियाणा के पानीपत में नशा तस्करों से सौदेबाजी में सीआईए-टू प्रभारी समेत पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। आरोप है कि सीआईए-टू थाने के तत्कालीन प्रभारी सौरभ ने दो हवलदार और दो सिपाहियों के साथ मिलकर नशा तस्करों से 30 लाख रुपये की सौदेबाजी की।

इसके तहत नशा तस्करी में धरे गए एक आरोपी को छोड़ दिया, जबकि दूसरे आरोपी से भी बरामद नशा की मात्रा कम दिखा दी। सौदे के तहत आरोपियों से पुलिसकर्मियों ने 22 लाख रुपये वसूल लिए और आठ लाख रुपये अभी लेने थे। इसकी जानकारी मिलने पर पुलिस अधीक्षक ने मामले की जांच कराई। प्रथम दृष्टया आरोप सही पाए जाने पर पांचों आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सीआईए-टू पानीपत की टीम ने नौ मई को रोहतक के चिड़ी गांव निवासी सुमित उर्फ मोनू को एक किलो 20 ग्राम अफीम के साथ गिरफ्तार किया था। आरोप है कि सीआईए-टू की टीम ने मामले में आरोपियों से लाखों रुपये वसूल लिए। मामला संज्ञान में आने के बाद पुलिस अधीक्षक अजीत सिंह शेखावत ने अपने स्तर पर इसकी जांच कराई।

पुलिस की प्राथमिक जांच में सामने आया कि सुमित उर्फ मोनू के साथ उसी के गांव का रविंद्र भी अफीम लेकर जा रहा था। उसके पास ढाई किलोग्राम अफीम थी। सूत्रों की माने तो पुलिस ने आरोपी से 30 लाख रुपये में सौदा कर लिया और रविंद्र को छोड़ दिया। जबकि सुमित को गिरफ्तार कर उससे एक किलो 20 ग्राम अफीम बरामद दिखाई।

इसके बाद आरोपियों से पुलिस ने 22 लाख रुपये ले लिए, जबकि आठ लाख रुपये शेष थे। इसके बाद पुलिस अधीक्षक के आदेश पर चिड़ी गांव निवासी आरोपी रविंद्र को 10 दिन बाद गिरफ्तार किया गया। उसने पूछताछ में पूरा मामला पुलिस अधिकारियों के सामने उगल दिया। इस पर पुलिस अधीक्षक ने मामले में तत्कालीन थाना प्रभारी सौरभ, हवलदार उमेद, पुनीत और सिपाही दीपक व मनदीप को सस्पेंड कर दिया है। विदित हो कि नशा तस्करों को बचाने में पहले भी सीआईए टीम फंस चुकी है।

बीते साल समालखा खंड के राक्सेड़ा गांव में नशे की मोटी खेप पकड़ी गई थी। इसमें भी पुलिस ने तस्करों को बचाने के लिए मोटा खेल खेला था। पुलिस अधीक्षक ने उस समय सीआईए पर बड़ी कार्रवाई की थी। इसमें मुकदमा भी दर्ज कराया गया था।

जिला जज के निरीक्षण में थाने का नहीं खुला था गेट, हुए थे तीन निलंबित व एक बर्खास्त
नौ मई को सीआईए-टू की टीम ने नशा तस्करों को काबू कर सौदेबाजी की थी। इससे पहले चार मई को सीआईटू थाने का निरीक्षण करने के लिए जिला जज पहुंचे थे, लेकिन इस थाने का मुख्य गेट ही नहीं खोला गया था। मुख्य गेट न खोलने का मामला संज्ञान में आने के बाद पुलिस अधीक्षक ने सीआईए-टू प्रभारी सौरभ, सब इंस्पेक्टर जयवीर और मुंशी को निलंबित कर दिया था, जबकि गेट पर तैनात एसपीओ को बर्खास्त कर दिया गया था। इसके बाद थाने में एंटी नारकोटिक्स सेल के प्रभारी संदीप को तैनात किया गया है। 

पुलिस को पिछले दिनों नशा तस्करी के मामले में कुछ इनपुट मिले थे। मामले की जांच के बाद सीआईए-टू के तत्कालीन थाना प्रभारी समेत पांच को सस्पेंड कर दिया गया है। इनकी विभागीय जांच भी कराई जाएगी। -अजीत सिंह शेखावत, पुलिस अधीक्षक।

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