नई दिल्ली: साल 2019 वाकई देश की राजनीति के सबसे बड़े चुनाव का साक्षी बनने जा रहा है। सरकार बनने के बाद से ही कई छोटे बड़े चुनाव हुए लेकिन, मोदी लहर वैसे ही कायम है जैसे पिछले लोकसभा चुनावों के दौरान थी। अलबत्ता पहले के मुकाबले नरेन्द्र मोदी का कद और बढ़ गया है। जिससे विपक्षी पार्टियों को साल 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों में हार अभी से दिखने लगी है। शायद इसलिए मोदी बनाम 17 की तैयारियां अभी से शुरू हो चुकी है। नरेंद्र मोदी को परास्त करने के लिए कांग्रेस के नेतृत्व में 17 दलों ने आपस में बैठक कर नए गठबंधन की तैयारी शुरू कर दी है।
महा-गठबंधन की राह आसान नहीं
मोदी लहर का डर विपक्षी पार्टियों में इस कदर बैठ गया है कि वो अपनी दशकों पुरानी दुश्मनी को भूलकर एक होने की तैयारी करने लगी हैं। खबरों के मुताबिक कांग्रेस के नेतृत्व में 17 दलों ने आपस में बैठक कर नए गठबंधन की तैयारियां शुरू कर दी है। लेकिन यह सब इतना आसान नहीं होने वाला, क्योंकि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस की अपनी महत्वाकांक्षा है और बाकी दलों की अपनी। हालांकि, समाजवादी पार्टी ने एक बार कांग्रेस के साथ हाथ मिलाकर देख लिया है।
देश के इतिहास में सबसे बड़े गठबंधन की शुरुआत कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने कर दी है। गैर-बीजेपी पार्टियां एकजुट होने के लिए बेचैन हैं। यूपी में माया और अखिलेश एक साथ मंच सांझा कर रहे हैं तो बिहार में एकजुट होने के लिए लालू यादव काफी दिनों से तैयार बैठे हैं। हालांकि, देश की राजनीति में इस तरह की कोशिश कई बार हो चुकी है। जब भी क्षेत्रीय दलों को अपने अस्तित्व पर खतरा दिखता है तो इस तरह की कोशिश करते ही हैं।
मोदी को हराने के लिए बिहार फार्मूला
गठबंधन की कोशिश तो की जा रही है, लेकिन इस तरह की कोशिशें ज्यादातर नाकाम होती है। लेकिन, इस बार विपक्षी दलों के पास एकजुट होने के अलावा कोई विकल्प भी नहीं दिख रहा है। वहीं बीजेपी का कहना है कि ये एक नहीं होंगे क्योंकि ये इनका पुराना इतिहास रहा है। हालांकि, इस तरह के महागठबंधन के प्रयोग पहले भी कई बार किया जा चुका है लेकिन इसमें सफलता न के बराबर मिली है। लेकिन अगर इस बार महा-गठबंधन बन जाता है तो वाकई 2019 में हमें मुकाबला देखने को मिलेगा।
उत्तर प्रदेश चुनावों में भाजपा की धमाकेदार जीत को देखते हुए लगभग सभी दल 2019 में महागठबंधन बनाने की वकालत कर रहे हैं। हालांकि, प्रधानमंत्री मोदी को हराने के लिए 2019 में अगर कोई महागठबंधन बनता है तो उसका नेतृत्व कौन करेगा इसको लेकर इन पार्टियों में कलह हो सकती है क्योंकि हर बड़ी पार्टी महागठबंधन के साथ-साथ नेतृत्व भी चाहेगी। महागठबंधन के चेहरे के रूप में नीतीश कुमार, राहुल गांधी, अखिलेश, मुलायम सिंह और लालू यादव हो सकते हैं।