आगरा में जूता कारोबारियों को यहां 80 घंटे तक आयकर छापा चला। यहां से 57 करोड़ बरामद हुए हैं। 11,400 गड्डियां जब्त की गईं हैं। 18 घंटे नोट गिनने में लग गए। 4000 व्यापारी पर्चियों से प्रभावित होने का अनुमान है। कारोबारियों का हवाला कनेक्शन भी सामने आया है। रियल एस्टेट में भी कारोबारियों ने निवेश किया है।
आगरा शहर की तीन जूता कारोबारी फर्म बीके शूज, मंशु फुटवियर, हरमिलाप ट्रेडर्स पर आयकर विभाग के इन्वेस्टिगेशन विंग का छापा 80 घंटे बाद खत्म हो गया। चार दिन तक चली आयकर विभाग की कार्रवाई में 57 करोड़ रुपये के नोटों की गड्डियां मिलीं।
500-500 के नोटों की 11,400 गड्डियों को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के करेंसी चेस्ट में जमा कराया गया है। एक कारोबारी का हवाला कनेक्शन भी पाया गया है। रियल एस्टेट में बड़ा निवेश करने की बात सामने आई है।
आयकर विभाग की इन्वेस्टिगेशन विंग ने शनिवार को तीन जूता कारोबारियों के 14 ठिकानों पर छापा मारा था। इनमें आगरा, कानपुर और लखनऊ के 84 से अधिक आयकर अधिकारी शामिल रहे।
आयकर विभाग ने सबसे ज्यादा हरमिलाप ट्रेडर्स के घर से 53 करोड़ रुपये कमरे से जब्त किए, जबकि अन्य दो कारोबारियों से 4 करोड़ रुपये के नोटों की गड्डियां बरामद कीं। 80 घंटे तक चली आयकर कार्रवाई में लगभग 40 करोड़ रुपये की भुगतान पर्चियां मिलीं, जिनसे करीब चार हजार कारोबारी जुड़े हुए हैं।
पहले तीन दिनों में आयकर विभाग के अधिकारियों को नकदी मिली, जबकि चौथे दिन पूरी कार्रवाई हवाला कनेक्शन और रियल एस्टेट से जुड़े निवेश के कागजातों की पड़ताल पर रही। एक कारोबारी ने हवाला के जरिये कई शहरों से लेन-देन किया है। इसका ब्योरा भी कारोबारी के घर मिले दस्तावेज और मोबाइल से मिल गया।
सीबीडीटी ने बनाए रखी पूरी नजर
आयकर विभाग को पहली बार 57 करोड़ रुपये की नकदी छापे में मिली, जिस वजह से केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने इस कार्रवाई पर पूरी निगाह बनाए रखी। बीते 10 वर्षों में आयकर विभाग की यह सबसे सफल कार्रवाई मानी जा रही है, जिसमें नकदी के साथ पर्ची कारोबार सिस्टम का खुलासा हुआ। जूता कारोबार में अलग-अलग तरीके से चल रही टैक्स की चोरी की जानकारी मिली है।
पांच दिन बाद लौटे आयकर अधिकारी
आयकर विभाग के सबसे सफल छापे में लखनऊ और कानपुर के आयकर अधिकारी शामिल हुए। यह पांच दिन पहले आगरा आ गए थे। शाम छह बजे के बाद आयकर विभाग के दो कारोबारियों से और रात आठ बजे तीसरे कारोबारी के यहां छापा समाप्त कर दिया। लखनऊ और कानपुर से आए आयकर अधिकारी पांच दिन बाद कार्रवाई पूरे करके लौटे।