संयुक्त राष्ट्र आमसभा में शुक्रवार को भारत ने फलस्तीन को वैश्विक संस्था का पूर्ण सदस्य बनाए जाने के प्रस्ताव के समर्थन में मतदान किया। अरब देशों के समूह द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव में कहा गया है कि फलस्तीन संयुक्त राष्ट्र की पूर्ण सदस्यता पाने के योग्य है इसलिए उसे सदस्य बनाए जाने के लिए आमसभा एक बार फिर से संस्तुति करती है।
संयुक्त राष्ट्र आमसभा में शुक्रवार को भारत ने फलस्तीन को वैश्विक संस्था का पूर्ण सदस्य बनाए जाने के प्रस्ताव के समर्थन में मतदान किया। अरब देशों के समूह द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव में कहा गया है कि फलस्तीन संयुक्त राष्ट्र की पूर्ण सदस्यता पाने के योग्य है, इसलिए उसे सदस्य बनाए जाने के लिए आमसभा एक बार फिर से संस्तुति करती है। आमसभा के पारित प्रस्ताव पर सुरक्षा परिषद को अंतिम निर्णय लेना है।
143 सदस्यों ने प्रस्ताव के समर्थन में डाला वोट
सुरक्षा परिषद पूर्व में फलस्तीन को संयुक्त राष्ट्र का सदस्य बनाने का प्रस्ताव अस्वीकार कर चुकी है। फलस्तीन प्राधिकार के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने प्रस्ताव पारित होने पर खुशी जताते हुए सुरक्षा परिषद से फलस्तीन को संयुक्त राष्ट्र का सदस्य बनाए जाने का अनुरोध किया है। 193 सदस्य देशों वाली संयुक्त राष्ट्र आमसभा के कुल 143 सदस्यों ने प्रस्ताव के समर्थन में वोट डाला जबकि नौ सदस्यों ने प्रस्ताव के विरोध में मतदान किया। 25 सदस्य ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया।
तालियों की गड़गड़ाहट से गुंजा महासभा
भारी बहुमत से प्रस्ताव के पारित होने पर महासभा का सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से देर तक गूंजता रहा। पारित प्रस्ताव में फलस्तीन को सदस्य बनाए जाने पर सुरक्षा परिषद से सकारात्मक रुख से पुन: विचार करने के लिए कहा गया है।
भारत ने फलस्तीन को 1988 में दी थी देश के रूप में मान्यता
भारत विश्व में पहला ऐसा देश है जिसने अरब देशों के अतिरिक्त फलस्तीन मुक्ति संगठन को मान्यता दी थी। यह संगठन 1974 तक फलस्तीनियों का आधिकारिक प्रतिनिधि संगठन था। भारत ने 1988 में फलस्तीन को देश के रूप में मान्यता दी थी और 1996 में नई दिल्ली में फलस्तीन का प्रतिनिधि कार्यालय खोला गया था।