सिद्धू मूसेवाला की 29 मई, 2022 को मानसा में गोलियां मार कर हत्या कर दी गई थी। वह अपनी गाड़ी में सवार होकर कहीं जा रहे थे तभी उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग की गई। इस हत्या की जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ ने ली थी।
गायक शुभदीप सिंह सिद्धू (सिद्धू मूसेवाला) की हत्या के मामले में मानसा जिला अदालत ने बुधवार को लॉरेंस बिश्नोई व जग्गू भगवानपुरिया समेत 25 लोगों पर आरोप तय कर दिए। इसके अलावा अदालत ने आरोपी गोल्डी बराड़, लॉरेंस बिश्नोई, जग्गू भगवानपुरिया, चरणजीत चेतन व जगतार सिंह की ओर से निर्दोष होने की लगाई गई अर्जी खारिज कर दी गई है।
उन्होंने अदालत में अर्जी लगाकर सिद्धू मूसेवाला कत्ल मामले से कोई संबंध न होने की बात कही थी। अदालत में सिद्धू मामले में आरोप तय होने के बाद अदालत के फैसले पर संतुष्टि जाहिर करते हुए सिद्धू मूसेवाला के पिता बलकौर सिंह ने कहा कि अब इस केस में कुछ उम्मीद बंध गई है। इससे पहले वह अंधेरे में ही हाथ मार रहे थे।
उन्होंने कहा कि मूसेवाला कत्ल मामले में बहुत से सफेदपोश साजिशकर्ता हैं, लेकिन उनको अभी तक जांच में शामिल नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि केंद्र व पंजाब सरकार ने इस मामले में उन्हें अभी तक परेशान ही किया है। बलकौर सिंह ने कहा कि लॉरेंस बिश्नोई का जेल से जारी हुए वीडियो की भी जांच अब तक नहीं हो पाई। लॉरेंस व उसके गैंगस्टर साथियों ने सरेआम पंजाब की जेलों में बैठकर ये साजिश रची और बहुत से पुलिस अफसर विदेशों में भी चले गए, जिनको जांच में शामिल नहीं किया गया।
उन्होंने कहा कि एनआईए की जांच में सामने आ चुका है कि लॉरेंस बिश्नोई जेलों में बैठकर पांच करोड़ रुपये तक सालाना कमा रहा है और अब भी गैंगस्टरों की ओर से तरह-तरह के कत्ल की जिम्मेदारियां ली जा रही हैं। मानसा अदालत ने मूसेवाला कत्ल मामले में दोष तय करने के बाद इसकी अगली सुनवाई 20 मई को रखी है। बलकौर सिंह से गोल्डी बराड़ की मौत के मामले में पूछे गए सवाल पर अज्ञानता जताई।
आर्म्स एक्ट में किया गया है नामजद
केस में लगाई गई 120 बी में सभी 27 आरोपियों को नामजद किया गया है। केस में लगाई गई धारा 302,307 और 326 में इस केस के शूटरों को नामजद किया गया है। आर्म्स एक्ट में लॉरेंस बिश्नोई, जग्गू भगवानपुरिया व अन्य को शामिल किया गया है। 52 प्रिजन एक्ट में लॉरेंस और जग्गू भगवानपुरिया को नामजद किया गया है।