राजस्थान के व्यवसायिक समूह को नियम विरुद्ध लाइसेंस और परमिट देने के मामले में लोकायुक्त ने पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति और सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी को दोषी माना है और जांच करने व वसूली करने की संस्तुति की है।
पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति और सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी गुरदीप सिंह लोकायुक्त जांच में दोषी पाए गए हैं। उनके खिलाफ लोकायुक्त संगठन ने राज्य सरकार को सौंपे प्रतिवेदन में विशेषज्ञ एजेंसी से जांच कराने और राज्य सरकार को हुए आर्थिक नुकसान की भरपाई के लिए वसूली करने की संस्तुति की है।
बता दें कि राजधानी की सामाजिक कार्यकर्ता डाॅ. नूतन ठाकुर ने पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति और पूर्व प्रमुख सचिव खनन गुरदीप सिंह के खिलाफ लोकायुक्त संगठन में शिकायत की थी।
शिकायत के अनुसार गायत्री प्रजापति और गुरदीप सिंह ने नियमों को ताक पर रख कर उदयपुर (राजस्थान) के एक व्यवसायिक समूह को सोनभद्र में मुख्य खनिज चाइना क्ले का पूर्वेक्षण लाइसेंस और चित्रकूट में पोटाश आदि खनिजों के लिए सर्वेक्षण का परमिट दिया गया था। साथ ही खनन विभाग की ओर से तैयार 3 करोड़ रुपये की अन्वेषण रिपोर्ट को खरीदे जाने की शर्त भी इन कंपनियों से मिलीभगत से माफ कर दी गयी थी। इसके अलावा कंपनी से लाइसेंस और परमिट फीस भी नहीं ली गयी। उप लोकायुक्त वीके सिंह ने इस प्रकरण की जांच में दोनों को दोषी पाया है।
उन्होंने राज्य सरकार को प्रतिवेदन भेजकर गायत्री प्रसाद प्रजापति और गुरदीप सिंह पर विधिसंगत कार्रवाई करने की संस्तुति की है। साथ ही उनकी संपत्तियों की जांच कराने और राज्य सरकार को हुए नुकसान की भरपाई करके तीन माह में लोकायुक्त संगठन को अवगत कराने को कहा है।