शबरी भगवान राम की बहुत बड़ी भक्त थीं। हर साल उनका जन्मोत्सव शबरी जयंती के रूप में मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन श्रीराम के साथ माता शबरी की पूजा होती है। कहा जाता है कि शबरी की भगवान राम के प्रति अटूट भक्ति के कारण ही उन्हें ये आशीर्वाद प्राप्त था कि जो भक्त उनकी उपासना करेंगे उन पर मर्यादा पुरुषोत्तम की कृपा सदैव बनी रहेगी।
बता दें, शबरी जयंती फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाई जाती है। इस साल यह 3 मार्च यानी आज मनाई जा रही है।
शबरी जयंती तिथि और शुभ मुहूर्त
शबरी जयंती हर साल फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाई जाती है। इस साल शबरी जयंती की शुरुआत 2 मार्च रात्रि 8 बजकर 58 मिनट से होगी। साथ ही इसका समापन 3 मार्च रात्रि 9 बजकर 26 मिनट पर होगा। सनातन धर्म में उदया तिथि का महत्व है इसलिए 3 मार्च को इसका व्रत रखा जाएगा।
शबरी जयंती पूजन नियम
इस दिन सुबह उठकर सबसे पहले श्री राम और माता शबरी का स्मरण करें और फिर उन्हें नमस्कार करें। घर और मंदिर को साफ-सुथरा करें। पानी में गंगा जल मिलाकर स्नान करें। इसके बाद आचमन करें। फिर उपवास का संकल्प लें। एक लकड़ी की चौकी पर भगवान श्री राम और माता शबरी की प्रतिमा स्थापित करें। उन्हें फल, फूल, दूर्वा, सिन्दूर, अक्षत, धूप, दीप और पूजा की अन्य चीजें अर्पित करें।
इस दिन भगवान राम को भोग के रूप में बेर अवश्य चढ़ाएं। फिर आरती करें और अपने परिवार के अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करें। अंत में पूजा में हुई गलती के लिए क्षमा मांगे। अगले दिन पूजा करने के बाद अपने व्रत का पारण करें।