दिल्ली-अंबाला राष्ट्रीय राजमार्ग पर राहगीरों को मिली राहत

लिंक रोड के बाद मुख्य हाईवे पर भी कुछ रास्ता खोला गया है। किसानों के कल लिए जाने वाले फैसले पर निगाहें टिकी हैं।

दिल्ली-अंबाला राष्ट्रीय राजमार्ग पर लगातार दूसरे दिन भी प्रशासन ने राहगीरों को कुछ ढील दी है। जहां पहले दिन सोमवार को लिंक रोड से बेरिकेड हटा दिए थे तो वहीं मंगलवार को अंबाला की ओर जाने वाले वाहनों के लिए हाईवे पर भी कुछ रास्ता खोल दिया।

हालांकि अभी पूरी तरह से बेरिकेडिंग नहीं हटाई, लेकिन एक लाइन में वाहनों को जाने के लिए रास्ता दिया गया। हालांकि इससे दिन भर जाम के हालात बने रहे, लेकिन राहगीर पिछले 17 दिनों से डायवर्ट रूटों पर झेली जा रही परेशानी से बच गए। अब 29 फरवरी को किसानों की ओर से उठाए जाने वाले कदम पर सभी की निगाहें टिक गई है।

उधर पुलिस की ओर से जारी रूट के अनुसार अंबाला से दिल्ली की ओर जाने वाले वाहनों को अभी भी साहा से शाहाबाद और पिपली से गुजरना होगा, जबकि बड़े वाहनों को पिपली से लाडवा-रादौर-दोसड़का-पंचकूला होते हुए पंजाब और चंडीगढ़ के लिए आना-जाना होगा। इस रूट के अनुसार केवल दिल्ली -पानीपत से अंबाला जाने वालों को शाहाबाद में राहत मिली है, क्योंकि वही वाहन सीधा नेशनल हाईवे-44 पर सफर कर सकते हैं।

पुलिस की ओर से डायवर्ट रूट के अनुसार अभी भी बड़े वाहनों को पिपली से पंचकूला का रूट लेना होगा, जिसके चलते अब 17 दिन बीत जाने के बावजूद वाहनों को पहले मिलक माजरा टोल बूथ और उसके बाद जलौली टोल बूथ पर टोल देना होगा।

उधर पिपली से शाहाबाद तक पहुंचे ट्रक चालकों ने बताया कि एक तो उन्हें दोहरा सफर करना पड़ रहा है और अमृतसर की ओर जाने वालों को दोगुना और चंडीगढ़ जाने वालों को चार गुना टोल देना पड़ रहा है। ट्रक चालक सुखदेव सिंह, प्रभोत के अनुसार पिछले एक हफ्ते से दोगुना टोल दे रहे हैं, जबकि सरकार को चाहिए की नेशनल हाईवे-322 पर दोनों टोल को बंद करें।

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