नई दिल्ली। पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव और दिल्ली एमसीडी चुनाव के बाद आम आदमी पार्टी सहित कई अन्य पार्टियां इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन को हैक किए जाने की संभावना पर सवाल उठा रही हैं। इन्हीं आरोपों को गलत साबित करने के लिए चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को खुली चुनौती देने की तैयारी कर ली है। इसके लिए EC ने 3 जून की तारीख निश्चित की है और हर राजनीतिक दल को हैकिंग के लिए चार घंटे का समय दिया जाएगा।
चुनाव आयोग ने आज ईवीएम और वीवीपैट को लेकर एक प्रेजेंटेशन दिया और ईवीएम की हैकिंग के लिए राजनीतिक पार्टियों को ओपन चैलेंज की तारीख भी घोषित कर दी है। ये आयोग दिल्ली के विज्ञान भवन में हो रहा है। आयोग ने ये घोषणा एक प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से की है। मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने 12 मई को इस मुद्दे पर राजनैतिक पार्टियों के साथ बैठक की थी, बैठक के बाद ऐलान किया गया था कि पार्टियों को अपने आरोपों को सही साबित करने का मौका दिया जाएगा।
अधिकारी ने बताया कि सभी सात राष्ट्रीय दल और 48 राज्य स्तरीय दलों को खुली चुनौती में हिस्सा लेने के लिये बुलाया जाएगा। इस ओपन चैलेंज में सभी इच्छुक दलों को हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों के किसी भी मतदान केंद्र की मशीन के साथ छेड़छाड़ करने का मौका दिया जाएगा। चुनौती स्वीकार करने के लिए राजनैतिक दलों को एक सप्ताह का मौका दिया जाएगा, इसके बाद दावा करने वाले दलों को इसके लिए अलग-अलग मौका दिया जाएगा।
अधिकारी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने आयोग को 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले वीवीपेट युक्त ईवीएम से मतदान कराने की तैयारी करने का आदेश दिया था। इसके पालन को सुनिश्चित करने के लिये आयोग ने लोकसभा चुनाव से पहले ही इस साल के अंत में होने वाले गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भी वीवीपैट युक्त ईवीएम से चुनाव कराने की तैयारी कर ली है।