पंजाब की जेलों में 220 कैदी ऐसे हैं जो स्टेट पॉलिसी के तहत समयपूर्व रिहाई के हकदार हैं, लेकिन इन समयपूर्व रिहाई के कैदियों की फाइलें राज्यपाल, सरकार के प्रशासनिक स्तर और कुछ कानूनी सलाह के कारण फंसी होने के कारण अधर में हैं। ऐसे में पंजाब जेल प्रबंधन तथ्यों के आधार पर हाईकोर्ट में पेश की जानी वाली रिपोर्ट तैयार कर रहा है।
राज्य सरकार की प्रीमेच्योर रिलीज यानी समयपूर्व रिहाई के तहत इन कैदियों की फाइलें प्रशासनिक स्तर पर अटकी हैं। जेल प्रबंधन ने अपनी ओर से इन कैदियों की समयपूर्व रिहाई की प्रक्रिया को अंजाम दे दिया है। मगर इनकी समयपूर्व रिहाई की फाइलें राज्यपाल, प्रशासनिक स्तर और कानूनी सलाह के कारण अटकी हैं।
पंजाब जेल प्रबंधन की ओर से पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में जल्द ही एक रिपोर्ट पेश की जाएगी। रिपोर्ट बनाने की प्रक्रिया जारी है। विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो रिपोर्ट में पंजाब जेल प्रबंधन की ओर से यह स्पष्ट किया गया है कि पंजाब की जेल में एक भी कैदी ऐसा नहीं है, जिसे गैर कानूनी या कानून का उल्लंघन करते हुए सजा पूरी होने के बाद भी जेल में रखा गया हो।
जेलों में 40 विदेशी कैदी, डिपोर्ट के लिए कई बार लिखा, पहचानने से इन्कार
पंजाब की जेलों में करीब 40 विदेशी कैदी बंद हैं। ये वो विदेशी कैदी हैं, जिनकी सजा पूरी हो चुकी है। इन 40 विदेशी कैदियों को जेल के ट्रांजिट कैंप में रखा गया है। जेल प्रबंधन के सूत्रों की मानें तो उनकी ओर से इन विदेशी कैदियों की सजा पूरी होने के बाद इनके मूल देश की अथॉरिटी व सरकारों से पंजाब जेल प्रबंधन ने डिपोर्ट किए जाने को लेकर कई बार संपर्क किया। कई विदेशी कैदियों के मामले में पंजाब जेल प्रबंधन 30 से 40 बार संपर्क साध चुका है। इसके बावजूद इनके देश की सरकारें इन्हें पहचानने से मना कर रही हैं।
दो पाकिस्तानी किशोरों के मामले पर हाईकोर्ट ने लिया था संज्ञान
बरी होने के बावजूद पाकिस्तान के दो किशोरों के सलाखों के पीछे होने पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए पंजाब सरकार को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है। पंजाब सरकार से पूछा गया है कि कितने ऐसे कैदी हैं जो सजा पूरी होने या बरी होने के बावजूद जेल में मौजूद हैं। जस्टिस एनएस शेखावत फरीदकोट के दौरे पर थे और इस दौरान उन्हें बताया गया कि दो पाकिस्तानी किशोर बरी होने के बाद भी कैदी हैं। अप्रैल 2023 में दोनों को अदालत ने बरी कर दिया था, लेकिन पाकिस्तानी नागरिक होने के चलते उन्हें रिहा नहीं किया है।