दातासिंह वाला बॉर्डर पर किसानों और जवानों के बीच चला संघर्ष

किसान आंदोलन को लेकर जींद एक बार फिर धधक उठा। कभी किसान तो कभी पुलिस पीछे हटती रही। दाता सिंह वाला बॉर्डर पर किसानों और जवानों के बीच संघर्ष चलता रहा। दो वर्ष पहले भी यही स्थिति हुई थी। 

जींद जिला हमेशा राजनीतिक गढ़ रहा है। अब यह किसान आंदोलन का गढ़ बनता जा रहा है। दो वर्ष पहले भी किसान आंदोलन के दौरान पंजाब के किसान जींद से होते हुए दिल्ली पहुंचे थे। जींद जिले की सीमा पंजाब के साथ लगती थी। दिल्ली जाने के लिए यही रास्ता सबसे उपयुक्त है। दातासिंह वाला गांव के पास पंजाब का बॉर्डर है। 

पंजाब के किसान पहले भी दातासिंह वाला बॉर्डर से होते हुए जींद पहुंचे थे। उसके बाद दिल्ली के लिए रवाना हुए थे। इस बार पुलिस ने सुरक्षा के काफी इंतजाम किए हैं, इसलिए किसान बॉर्डर पर ही संघर्ष कर रहे हैं। अभी तक पंजाब के किसान हरियाणा में प्रवेश नहीं कर पाए हैं। 

रात को उनके हरियाणा में प्रवेश करने की उम्मीद है। पुलिस ने इसको भांपते हुए नरवाना शहर से हिसार-चंडीगढ़ की तरफ जाने वाले फ्लाईओवर को भी पुलिस ने ब्लॉक कर दिया है। इसके बाद उचाना में भी पुलिस ने नाका लगा दिया है। संवाद

सुबह दस बजे
सुबह 10 बजे तक दातासिंह वाला बॉर्डर पर स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में थी। इसके बाद बाइकों से काफी किसान पंजाब की तरफ से दातासिंह वाला बॉर्डर पर पहुंच गए। लगभग 11 बजे इन्होंने दातासिंह वाला बॉर्डर पर लगाई गई कीलों को उखाड़ने का प्रयास किया। इस पर पुलिस ने इनको खदेड़ दिया। यह किसान इसके बाद पीछे हट गए। 

दो बजे के आसपास काफी संख्या में और किसान यहां जमा हो गए और हरियाणा के किसान भी इनकी मदद के लिए पहुंच गए। 2 बजे किसानों ने फिर से कीलों को उखाड़ना शुरू कर दिया। इस पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और पानी की बौछार शुरू कर दी। लगभग एक घंटे तक कभी किसान पीछे हट गए तो कभी पुलिस पीछे हट गई। यह सिलसिला जारी रहा।

दोपहर तीन बजे
दोपहर तीन बजे किसानों की संख्या बढ़ गई और फिर से वह बॉर्डर की तरफ बढ़ने लगे। इस बार पुलिस ने फिर से आंसू गैस के गोले छोड़े और वाटर कैनन से पानी की बौछार शुरू कर दी। काफी किसान खेतों के रास्ते आगे बढ़ने लगे तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। 

दूसरी तरफ से किसानों ने भी पत्थरबाजी शुरू कर दी। इसमें 15 पुलिस कर्मचारी और दर्जनभर किसान घायल हो गए। पुलिस कर्मचारियों को नागरिक अस्पताल नरवाना में दाखिल करवाया गया। सात बजे तक यही सिलसिला रहा। इसके बाद किसान शांत हो गए।

शाम साढ़े सात बजे
शाम साढ़े सात बजे पांच हजार किसानों का एक और जत्थ दातासिंह वाला बॉर्डर पर पहुंचा और यहां पर बैठकर रणनीति बनानी शुरू कर दी। किसानों का कहना है कि वह रात में बॉर्डर पार करेंगे। दूसरी तरफ पुलिस कर्मचारियों ने भी अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी है। सात बजे हिसार मंडल के एडीजीपी डॉ. एम रवि किरण पहुंचे और पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की।

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