इसके बाद भारी वाहन 80 किमी तो हल्के वाहन 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से फर्राटा भर सकेंगे। अभी तक भारी वाहनों की रफ्तार 60 और हल्के वाहनों की रफ्तार 80 किमी प्रति घंटा है।
यमुना एक्सप्रेसवे पर सर्दियों में कोहरे की वजह से हादसों को रोकने के लिए वाहनों की रफ्तार पर लगी पाबंदी 15 फरवरी से हट जाएगी। इसके बाद भारी वाहन 80 किमी तो हल्के वाहन 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से फर्राटा भर सकेंगे। अभी तक भारी वाहनों की रफ्तार 60 और हल्के वाहनों की रफ्तार 80 किमी प्रति घंटा है।
एक्सप्रेसवे पर आम दिनों में हर रोज करीब 25 हजार वाहन टोल का प्रयोग करते हैं। जबकि वीकेंड, शादी व त्योहार के मौके पर इन वाहनों संख्या बढ़कर करीब 30 हजार हो जाती है। वाहनों की रफ्तार अधिक होने से कोहरे में हादसों का भय रहता है। ऐसे में 15 दिसंबर से दो माह के लिए यमुना एक्सप्रेसवे पर वाहनों की गति सीमा घटा दी जाती है। इसके कारण सड़क दुर्घटनाओं में कमी आई है।
कोविड के बाद भी 20 लाख से अधिक वाहनों पर है चालान
राज्य सरकार ने कोविड के दौरान किए गए चालान को माफ कर दिया है। इसके बावजूद भी यूपी समेत देश के अन्य राज्यों के 20 लाख वाहनों पर अभी भी यमुना एक्सप्रेसवे के चालान बाकी हैं। पांच हजार से 30 हजार रुपये तक के चालान ओवरस्पीड समेत अन्य नियम तोड़ने के हैं। विभिन्न राज्यों की अदालतों में नोटिस परिवहन विभाग की ओर से भेजे गए हैं।
यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों पर चालान होने के बाद परिवहन विभाग से कोई काम नहीं होता है। जब तक चालान जमा नहीं किया जाएगा तब तक वाहन का ट्रांसफर करने समेत अन्य कोई काम नहीं हो पाते हैं।
-सियाराम वर्मा, एआरटीओ प्रशासन