रोजमर्रा के काम के दौरान हम कई बार छोटे-मोटे चोट का शिकार हो जाते हैं। जो कई बार पेनफुल तो होता है लेकिन इसके लिए डॉक्टर के पास जाना मुनासिब नहीं समझते। बच्चे तो खेलने वक्त अकसर ही गिरते- पड़ते रहते हैं। आज हम आपको कुछ ऐसे नेचुरल उपायों के बारे में बताने वाले हैं जिनकी मदद से कर सकते हैं इसका इलाज।
कभी खाने बनाते वक्त, कभी खेलते वक्त तो कभी किसी और एक्टिविटी के दौरान चोट लगना आम बात है। अब ऐसी छोटी- मोटी चोट के लिए हर बार डॉक्टर के पास तो नहीं जा सकते, तो आज हम आपको ऐसे कुछ उपायों के बारे में बताने वाले हैं, जो पूरी तरह से नेचुरल हैं और बेहद असरदार भी। किचन में मौजूद इन चीज़ों की मदद से जलने, कटने, खरोंच जैसी समस्याओं से चुटकियों में राहत पा सकते हैं। इन उपायों को इस्तेमाल दादी-नानी मां सदियों से करती आ रही हैं। जान लें इसके बारे में।
नारियल का तेल
नारियल तेल एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीइन्फ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होता है। ये तेल सिर्फ बालों के लिए ही फायदेमंद नहीं होता, बल्कि जलने, कटने या छिलने जैसी समस्याओं में भी नारियल तेल लगाने से काफी आराम मिलता है। साथ ही घाव को तेजी से भरने में मदद मिलती है। इसमें मौजूद लॉरिक एसिड बैक्टीरिया को कम करने में प्रभावी होता है।
हल्दी
पहले के जमाने में जब चोट लगती थी, तो लोग हल्दी से ही उसे ठीक करते थे। हल्दी में एंटीबायोटिक, एंटीइन्फ्लेमेटरी और एंटीसेप्टिक गुणों का खजाना होती है। चोट लगने पर तुरंत इसे लगाने से इन्फेक्शन होने की संभावना काफी हद तक कम हो जाती है। चोट पर लगाने के अलावा हल्दी वाला दूध पीने से भी कई सारे लाभ मिलते हैं।
एलोवेरा जेल
एलोवेरा कई सारी समस्याओं का प्रभावी इलाज है। स्किन से जुड़ी ज्यादातर समस्याओं को इसकी मदद से दूर किया जा सकता है। एलोवेरा एंटीफंगल, एंटीबैक्टीरियल, एंटीऑक्सीडेंट और एंटीइन्फ्लेमेटरी जैसे कई गुणों से समृद्ध होता है। स्किन जल जाए, तो इस पर एलोवेरा जेल लगाने से फफोले होने की संभावना कम हो जाती है। ये स्किन को तुरंत ठंडक प्रदान करता है। यहां तक कि ड्राइनेस दूर करने में भी एलोवेरा बहुत ही असरदार उपाय है।