एक हादसे ने हरियाणा के सिरसा जिले के रहने वाले गुरविंदर सिंह के जीवन का उद्देश्य ही बदल दिया। ट्रक से टकराने के बाद गुरविंदर सिंह का आधा शरीर लकवाग्रस्त हो गया। इसके बाद उन्होंने अपना जीवन दूसरे की भलाई में लगा दिया। अब तक वह हजारों लोगों को मदद पहुंचा चुके हैं। उनके सामाजिक कार्यों से प्रेरित होकर सरकार ने अब उन्हें पद्मश्री से सम्मानित करने का फैसला किया है।
हरियाणा के सिरसा के दिव्यांग सामाजिक कार्यकर्ता गुरविंदर सिंह को पद्मश्री मिलेगा। 2024 की पद्म पुरस्कार की सूची में उनका भी नाम शामिल है। उन्हें दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सम्मानित करेंगी।
गुरविंदर सिंह बेघरों, निराश्रितों, महिलाओं, अनाथों और दिव्यांगजनों की भलाई का कार्य करते हैं। उन्होंने बाल गोपाल धाम नामक बाल देखभाल संस्थान की स्थापना की और 300 बच्चों के सपनों को संजोया है। सामाजिक कार्यों में उनके अटूट समर्पण और योगदान से प्रभावित होकर मोदी सरकार ने उन्हें पद्मश्री देने का फैसला किया है।
गुरविंदर सिंह 6,000 से अधिक दुर्घटना पीड़ितों और गर्भवती महिलाओं को मुफ्त एंबुलेंस की सेवा भी प्रदान कर चुके हैं। गुरविंदर सिंह चलने में असमर्थ हैं। दरअसल, ट्रक से टकराने के बाद उनके कमर के नीचे का हिस्सा लकवाग्रस्त हो गया है। इसके बाद से ही वह व्हीलचेयर पर हैं। उन्होंने इस हादसे के बाद अपना जीवन दूसरों के कल्याण में लगा दिया।
19 साल से लोगों की सेवा में लगे
हिसार रोड स्थित भाई कन्हैया आश्रम के संचालक 19 साल से मानवता की भलाई का कार्य कर रहे हैं। आज तक उन्होंने 700 से ज्यादा बेसहारा लोगों की मदद की है। 500 से ज्यादा लोगों को अपने परिवारों से मिलवा चुके हैं। बहुत सी लड़कियों की शादी कर चुके हैं। आश्रम के संचालक गुरविंद्र सिंह ने नागरिक अस्पताल में मरीजों के लिए नि:शुल्क दूध सेवा की शुरुआत की। वहीं उन्होंने विधवा, आर्थिक कमजोर बच्चों व तलाकशुदा महिलाओं के बच्चों के लिए बिना फीस काउंटर का स्कूल भी बनाया है। इसमें बच्चों से कोई फीस नहीं ली जाती।
मुझे पद्मश्री के लिए नामित किया गया है, बहुत खुशी हो रही है। 19 साल से मानवता की भलाई का कार्य कर रहा हूं। आगे भी ये सेवा ऐसे ही जारी रहेगी। – गुरविंदर सिंह, संचालक भाई कन्हैया आश्रम सिरसा।