इससे पहले सर्दियों में बिजली की मांग का पिछला रिकॉर्ड 19 जनवरी को बना था, जब मांग 5798 मेगावॉट पहुंच गई थी। इससे पहले 17 मार्च 2023 में 5726 मेगावॉट मांग पहुंची थी।
कड़ाके की ठंड में बिजली की मांग भी अपने रिकॉर्ड स्तर पर है। सोमवार सुबह 10ः52 बजे शहर में बिजली की मांग 5816 मेगावॉट पहुंच गई। सर्दियों के मौसम में यह बिजली की अब तक की सर्वाधिक मांग है। बीआरपीएल क्षेत्र में बिजली की मांग 2526 मेगावॉट रही, जबकि बीवाईपीएल इलाके में बिजली की मांग 1209 मेगावॉट दर्ज की गई।
इससे पहले सर्दियों में बिजली की मांग का पिछला रिकॉर्ड 19 जनवरी को बना था, जब मांग 5798 मेगावॉट पहुंच गई थी। इससे पहले 17 मार्च 2023 में 5726 मेगावॉट मांग पहुंची थी। दो जनवरी को छोड़ दें तो इस साल अब तक बिजली की मांग लगातार 5000 मेगावॉट से ऊपर रही है। 1 जनवरी को दिल्ली में बिजली की पीक डिमांड 5134 मेगावॉट थी, दो जनवरी को 4910 मेगावॉट, तीन जनवरी को 5257 मेगावॉट, चार जनवरी को 5241 मेगावॉट और पांच जनवरी को यह 5559 मेगावॉट पहुंच गई। छह जनवरी को यहां बिजली की पीक डिमांड 5137 मेगावॉट थी।
सात जनवरी को 5106 मेगावॉट, आठ जनवरी को 5337 मेगावॉट, नौ जनवरी को 5435 मेगावॉट और 10 जनवरी को यहां बिजली की मांग 5611 मेगावॉट दर्ज की गई। 11 जनवरी को शहर में बिजली की मांग 5422 मेगावॉट रही, जबकि 12 जनवरी को 5701 मेगावॉट, 13 जनवरी को 5335 मेगावॉट, 14 जनवरी को 5463 मेगावॉट, 15 जनवरी को 5478 मेगावॉट, 16 जनवरी को 5434 मेगावॉट, 17 जनवरी को 5726 मेगावॉट और 18 जनवरी को यह 5463 मेगावॉट रही। 19 जनवरी को बिजली की मांग 5798 मेगावॉट, 20 जनवरी को 5492 मेगावॉट, 21 जनवरी को 5522 मेगावॉट और 22 जनवरी को 5816 मेगावॉट रही।
दिल्ली में पिछले वर्षों के दौरान सर्दियों की पीक पावर डिमांड की बात करें, तो 2018-19 में यह 4457 मेगावॉट थी, 2019-20 में 5343 मेगावॉट, 2020-21 में 5021 मेगावॉट, 2021-22 में 5104 मेगावॉट और 2022-23 में यह 5526 मेगावॉट रही। इस साल बिजली कंपनियों ने बिजली के पर्याप्त इंतजाम पहले से ही किया है। चूंकि दिल्ली में बिजली की डिमांड के उतार-चढ़ाव में मौसम की बड़ी भूमिका होती है, इसलिए बिजली की मांग का अनुमान लगाते वक्त वेदर फोरकास्टिंग तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। बिजली की मांग का सटीक अनुमान लगाने के लिए कृत्रिम बुदि्धमत्ता और मशीन लर्निंग की भी मदद ले रही है।