लखनऊ/नई दिल्ली.यूपी में 1 लाख 72 हजार शिक्षामित्रों को असिस्टेंट टीचर के रूप में अप्वाइंट किए जाने के मामले में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। शिक्षामित्र एसोसिएशन के अध्यक्ष राम सागर ने बताया, सुनवाई 4.10 पर शुरू हुई और 5:15 पर खत्म हुई। कोर्ट ने कहा कि अभी इस मामले पर और पक्षों को भी सुना जाना बाकी है। अगली सुनवाई 19 मई को होगी। बता दें, जस्टिस आदर्श कुमार गोयल और जस्टिस यूयू ललित की बेंच ने केस की सुनवाई की।
क्या है मामला ?
– बता दें, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सितंबर 2015 में शिक्षामित्रों के अप्वाइंटमेंट्स को अवैध ठहरा दिया था, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर में इस आदेश को स्टे कर दिया था। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले मंगलवार को शिक्षामित्रों के अप्वाइंटमेंट पर सवाल उठाया था। काेर्ट ने टिप्पणी की थी कि शिक्षामित्रों का अप्वाइंटमेंट संविधानिक सिद्धांतों के मुताबिक नहीं किया गया है।
पिछली सुनवाई में क्या हुआ?
-इस मामले में पिछली सुनवाई में सीनियर एडवोकेट शांतिभूषण और राम जेठमलानी ने शिक्षामित्रों की ओर से बहस की थी। उन्होंने कहा था कि सरकार को 18 साल से काम कर रहे शिक्षामित्रों को एक पूल की तरह से देखने का अधिकार है। यह पूल एक रिक्रूटमेंट सोर्स है, जिसे असिस्टेंट टीचर्स को भर्ती करने के लिए इस्तेमाल करने में कोई कानूनी दिक्कत नहीं है।
– उन्होंने कहा था कि वे पूरी तरह से योग्य और शैक्षणिक योग्यता में पूर्ण है। हाईकोर्ट ने उन्हें अयोग्य ठहराकर कर गलत किया है। बता दें, अब तक 1 लाख 32 हजार शिक्षामित्र, असिस्टेंट टीचर के तौर पर अप्वाइंट हो चुके हैं।