दिल्ली पुलिस संसद की सुरक्षा में चूक के मामले में गिरफ्तार आरोपियों का मनोविश्लेषण परीक्षण करा रही है। रोहिणी स्थित एफएसएल में शुक्रवार को नीलम आजाद का मनोविश्लेषण परीक्षण हुआ। पुलिस अमोल व सागर समेत कई लोगों का परीक्षण करा चुकी है।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जांच को दिशा देने के लिए आरोपियों का मनोविश्लेषण परीक्षण कराया जा रहा है, ताकि आरोपियों की साजिश व उनके पीछे के साजिशकर्ता का पता लग सके। पुलिस ने सभी मुख्य आरोपियों को बृहस्पतिवार को 15-15 दिन की रिमांड पर लिया है।
स्पेशल सेल के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि स्पेशल सेल की अलग-अलग यूनिट एक-एक आरोपी से पूछताछ कर रही है। शुरुआती जांच में आरोपी किसी साजिश का खुलासा नहीं कर रहे। ऐसे में पुलिस गिरफ्तार सभी छह आरोपियों सागर, मनोरंजन डी., अमोल, नीलम, ललित व महेश का मनोविश्लेषण परीक्षण कराया जा रहा है। ललित व महेश का भी परीक्षण हो चुका है। दिल्ली पुलिस अधिकारियों के अनुसार, आरोपियों के सिम एक्टिव करवाए जा रहे हैं। इसके बाद क्लाउड के जरिये सिम में दफन साजिश के राज से जल्द ही पर्दा उठ सकता है। पूछताछ में ललित का बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि असल मास्टरमाइंड मनोरंजन है। मनोरंजन फंडिंग के लिए प्रयास कर रहा था। वह एक बड़ा संगठन तैयार करना चाहता था। गिरोह में सागर शर्मा को संगठन में भर्ती का जिम्मा सौंपा गया था। युवाओं के ब्रेनवॉश का जिम्मा सागर शर्मा को सौंपा गया था।
ललित ने खुलासा किया कि उन्हें अंदाजा नहीं था कि इस घटना पर हम सभी पर यूएपीए लगेगा। लग रहा था कि वह जमानत पर बाहर आकर पब्लिक फिगर बन जाएंगे और समाज को संदेश देंगे कि फिर बड़ी फंडिंग के जरिये अपने प्रोपोगंडा को आगे ले जाएंगे। स्पेशल सेल ने आरोपियों की मानसिक स्थिति का पता लगाने के लिए उनके परिवार के सदस्यों से भी बात की। पुलिस ने कहा कि आरोपी बार-बार अपने बयान बदल रहे हैं।
मनोरंजन है संगठन का सरगना स्पेशल सेल को गिरफ्तार छह आरोपियों में से एक मनोरंजन पर संदेह है। जांच से जुड़े वरिष्ठ सूत्रों ने बताया कि साजिश के पीछे मनोरंजन मास्टरमाइंड है। आरोपी ने सत्तारूढ़ सरकार को संदेश देने के लिए साजिश को रचा था। पुलिस के अनुसार, अन्य आरोपी ललित ने खुलासा किया मनोरंजन ने अन्य सदस्यों को कुछ बड़ा करने के लिए प्रेरित किया और संसद में गड़बड़ी की साजिश रची। हालांकि ललित की भूमिका केवल इस कृत्य के बाद सबूत नष्ट करने की थी। मनोरंजन को 13 दिसंबर को संसद के अंदर से सागर के साथ गिरफ्तार किया गया था। दोनों ने लोकसभा के वेल में छलांग लगा दी थी और स्मोक केन खोले थे। मैसूर के मूल निवासी मनोरंजन ने सामाजिक कार्यों में संलग्न होने के लिए इंजीनियरिंग छोड़ दी थी। सूत्र ने कहा कि हालांकि वह बेरोजगार था, फिर भी कंबोडिया जाने में कामयाब रहा। पुलिस ने अदालत को बताया कि उन्हें झा का अन्य आरोपियों से आमना-सामना कराने और मामले से संबंधित वैज्ञानिक और डिजिटल सबूत इकट्ठा करने की जरूरत है।
नीलम से भाई को नहीं मिलने दिया
संसद परिसर के बाहर स्मोक केन से कलर फैलाने के आरोप में पकड़ी गई घसो गांव की नीलम से मिलने परिवार के लोग दिल्ली गए थे, लेकिन उनको मिलने नहीं दिया। नीलम से केवल वकील को ही मिलने की अनुमति मिली है। दिल्ली पुलिस ने कहा कि यदि नीलम से परिवार को मिलना है तो अदालत से आदेश लाने होंगे। दिल्ली से वापस आकर नीलम के भाई रामनिवास ने कहा कि उन्होंने नीलम से मिलने की कोशिश की थी, लेकिन मिलने नहीं दिया गया। केवल उनके वकील को ही मिलने की इजाजत दी गई। उन्होंने कहा कि नीलम ने कोई अपराध नहीं किया है। उसे प्रताड़ित किया जा रहा है। उसने बेरोजगार युवाओं की आवाज उठाई है।