बीच डेस्टिनेशन के नाम पर गोवा ही सबसे पहले दिमाग में आता है, इस वजह से यहां साल के ज्यादार महीने पर्यटकों की भीड़ रहती है। जिससे कई बार आप जिस तरह का एन्जॉयमेंट सोचकर जाते हैं उतना कर नहीं पाते, लेकिन गोवा, मुंबई से अलग भारत में और भी बहुत सारे खूबसूरत बीच हैं, जो लोगों की निगाहों से दूर हैं, लेकिन यहां मौज-मस्ती के हर ऑप्शन्स मौजूद हैं। दोस्तों, फैमिली या पार्टनर के साथ आकर आप सुकून से वेकेशन मना सकते हैं। आइए चलते हैं इनकी सैर पर।
मुषप्पिलंगाड़ का ड्राइव इन बीच
यह केरल का एकलौता ड्राइव इन बीच है, मतलब आप समुद्री लहरों पर अपने कार या बाइक से ड्राइव भी कर सकते हैं। इसे भारत का सबसे बड़ा ड्राइव-इन बीच और एशिया का सबसे बेहतरीन ड्राइव-इन-बीच कहते हैं। कन्नूर जिले में स्थित यह बीच कन्नूर से थलेसरी जाने वाले नेशनल हाइवे के एकदम साथ-साथ चलता है। कन्नूर की यहां से दूरी महज 17 किलोमीटर है। पांच किलोमीटर लंबा यह तट ऐसा है कि इस पर ड्राइव करना आसान है। बीच से 100 मीटर दूर समुद्र में एक आईलैंड भी हैं और पानी कम होने पर आप पैदल ही इस आइलैंड पर पहुंच सकते हैं।
कोंकण किनारे का तारकरली
महाराष्ट्र के कोंकण में तारकरली एक बेहद खूबसूरत बीच है। यहां का पानी बहुत ही साफ है। मौसम खुला हो और अच्छी धूप हो, तो समुद्र के पानी की गहराई में कई फीट नीचे तक एकदम साफ नजारा देखने को मिलता है। यहां पैरासेलिंग, स्कूबा डाइविंग और स्नोर्केलिंग के भी मजे ले सकते हैं। वैसे तारकरली बीच में केरल जैसे हाउसबोट में बैठकर बैकवॉटर्स वाला ऑप्शन भी मौजूद है। रूकने के लिए पास की बस्ती में कोंकण स्टाइल के बांस से बने होमस्टे भी हैं। तारकरली मुंबई से 546 किलोमीटर दूर है।
गोवा का दाबोलिम हवाई अड्डा यहां से सबसे नजदीक है। तारकरली जाने के लिए सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन 45 किलोमीटर दूर कुडाल है, जो कोंकण रेलवे का अहम स्टेशन है। स्टेशन से बीच तक पहुंचने के लिए बसें और ऑटो आसानी से मिल जाते हैं।
बंगाल-ओडिशा सीमा का उदयपुर बीच
उदयपुर बीच पश्चिम बंगाल में दीघा से 2 किलोमीटर पश्चिम में बंगाल-ओडिशा सीमा पर है। यह भी एकदम शांत, साफ-सुथरा बीच है। जहां बहुत कम सैलानी आते हैं। दीघा बीच पर तो आप पानी में जा नहीं सकते, लेकिन उदयपुर बीच पर आप आराम से नहा भी सकते हैं। आप यहां बाइक रेंट पर लेकर भी घूम सकते हैं। यहां पैराग्लाइडिंग भी होती है। उदयपुर बीच आने के लिए आप कोलकाता से बस या ट्रेन से दीघा और फिर उदयपुर पहुंच सकते हैं या आप ओडिशा की तरफ से भी आ सकते हैं।
टैगोर का पसंदीदा कारवार
गोवा से लगा है कर्नाटर का कारवार जिला। इसे बीच टाउन भी कहा जाता है क्योंकि यहां लगातार 5 समुद्र तट एक-दूसरे से सटे हैं। यह जगह कविवर रबिंद्रनाथ टैगोर को बहुत पसंद थी इस वजह से कारवार के एक बीच को टैगोर बीच भी कहा जाता है। यह इलाका भी कोंकण का हिस्सा है, इसलिए वहां के खानपान व संस्कृति में उसी की झलक मिलती है। यहां का सी-फूड बहुत मशहूर है।
गोवा में मडगांव यहां से 68 किलोमीटर उत्तर में है और कैनाकोना स्टेशन यहां से 36 किलोमीटर। कोंकण रेलवे ही यहां पहुंचने का सबसे सुलभ जरिया है। गोवा का दाबोलिम एयरपोर्ट यहां से करीब 100 किलोमीटर नार्थ में है।