पंजाब के कॉलेजों में 1158 सहायक प्रोफेसरों की भर्ती मामले में राज्य सरकार को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है। जिन शिक्षकों को नियुक्ति पत्र मिल चुके हैं उन्हें ज्वाइन करवाने की सरकार ने मांग की है, जिस पर हाईकोर्ट ने फिलहाल कोई अंतरिम आदेश दिए बिना सुनवाई स्थगित कर दी है।
कुलविंदर सिंह ने एडवोकेट जगतार सिंह सिद्धू के माध्यम से याचिका दाखिल कर हाईकोर्ट को बताया था कि पंजाब सरकार ने सरकारी कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए विज्ञापन निकाला था। विज्ञापन के अनुसार अनुबंध शिक्षक के तौर पर प्रतिवर्ष अनुभव के लिए अधिकतम पांच अंक देने का प्रावधान रखा गया था।
इसके बाद पंजाब सरकार ने इसमें परिवर्तन कर नियम बनाया कि पंजाब सरकार द्वारा चलाए जा रहे कॉलेजों में सेवा देने वाले शिक्षकों को ही अनुभव के अंक का लाभ मिलेगा। याची ने कहा कि एक बार विज्ञापन निकालने के बाद भर्ती की शर्त में परिवर्तन नहीं किया जा सकता। ऐसे में इस प्रावधान को खारिज किया जाना चाहिए।
हाईकोर्ट ने इस भर्ती को रद्द करने का आदेश जारी कर दिया था। इसके बाद इस आदेश को खंडपीठ के समक्ष चुनौती दी थी। खंडपीठ ने सिंगल बेंच के आदेश पर रोक लगा दी थी और भर्ती पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था। इस दौरान 600 आवेदकों को नियुक्ति दी जा चुकी थी, लेकिन ज्वाइन केवल 135 ने किया था। बाकी के आवेदकों को भी ज्वाइन करवाने की अनुमति की मांग को लेकर पंजाब सरकार ने अब अर्जी दाखिल की है। हाईकोर्ट ने बुधवार को सरकार को बिना कोई राहत दिए सुनवाई को स्थगित कर दिया है।
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