उत्तराखंड में उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल हादसे में भारतीय वायुसेना का मालवाहक विमान हरक्यूलिस फिर संकटमोचन की भूमिका में है। वर्ष 2013 की आपदा में भी सड़क मार्ग अवरुद्ध होने पर इसी विमान से जगह-जगह फंसे तीर्थयात्रियों को रेस्क्यू कर दिल्ली छोड़ा गया था।
दरअसल वर्ष 2013 में भागीरथी नदी में विनाशकारी बाढ़ आई थी। जिससे सड़क मार्ग अवरूद्ध होने पर हजारों तीर्थयात्री जगह-जगह फंस गए थे। ऐसे में राज्य सरकार ने वायुसेना की मदद ली थी। वायुसेना ने एमआई-17 हर्षिल सेना के हेलिपैड से हजारों लोगों को रेस्क्यू कर चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे पर पहुंचाया था।
बाद में चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे पर हरक्यूलिस विमान के जरिये टैंकरों से एविएशन टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ) भेजा गया था, लेकिन वापसी में यह विमान दिल्ली व अन्य राज्यों के तीर्थयात्रियों को भी अपने साथ ले गया था और उन्हें दिल्ली एयरपोर्ट पर सुरक्षित उतारा।
अब सिलक्यारा टनल हादसे में वायुसेना के तीन हरक्यूलिस विमान भारी मशीनें लेकर पहुंचे हैं। हालांकि एक हरक्यूलिस विमान में मशीन का हिस्सा फंसा हुआ है। खबर लिखे जाने तक यह हिस्सा नहीं निकल पाया है। वायुसेना से जुड़े स्टाफ के लोग हाईड्रा से विमान में फंसी मशीन को निकालने का प्रयास कर रहे हैं।
क्या है हरक्यूलिस
अमेरिका में निर्मित हरक्यूलिस चार इंजन टर्बोप्रॉप वाला सैन्य परिवहन विमान है। भारतीय वायुसेना इस विमान का उपयोग विभिन्न देशों में युद्ध आदि कारणों से फंसे अपने नागरिकों की सुरक्षित वतन वापसी के लिए करती रही है। इसके अलावा आपदा के दौरान भी इस विमान का प्रयोग किया जाता है।
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