हरियाणा में वायु प्रदूषण की स्थिति गंभीर बनी हुई है। उत्तर भारत में हरियाणा का फतेहाबाद सबसे प्रदूषित शहर दर्ज किया गया। राष्ट्रीय राजधानी (421) से ज्यादा फतेहाबाद (422) का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) रिकॉर्ड किया गया है। राज्य के 14 शहर वायु प्रदूषण के गंभीर स्तर के चपेट में रहे। फरीदाबाद व सोनीपत का एक्यूआई 400 से पार रहा। प्रदूषण को देखते हुए गुरुग्राम, फरीदाबाद और झज्जर में प्राइमरी स्कूल बंद कर दिए गए हैं। वहीं मंगलवार को जींद में भी प्राथमिक स्कूल बंद करने के आदेश जारी कर दिए गए।
विशेषज्ञ बता रहे हैं किआठ नवंबर से लोगों को वायु प्रदूषण से थोड़ी राहत मिलने की संभावना है। हवा की गति करीब आठ से दस किलोमीटर प्रतिघंटा होने से प्रदूषण के कण घुल सकते हैं। हालांकि दिवाली के दौरान फिर से प्रदूषण बढ़ने के आसार हैं। फिलहाल अगले सात दिन बारिश की कोई संभावना नहीं है।
कुछ शहरों में सुधरे हालात
हालांकि पिछले दिनों के मुकाबले कुछ शहरों के एक्यूआई में गिरावट आई है। शनिवार को हिसार का एक्यूआई 425 दर्ज किया गया था, जो सोमवार को गिरकर 377 पहुंच गया। वहीं, कैथल का 415 था, जो सोमवार को 366 रिकॉर्ड किया गया। मगर इतने वायु प्रदूषण के गिरने से फिलहाल ज्यादा फायदा नहीं होगा। उधर, हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने प्रभावित शहरों के उपायुक्त व निगम कमिश्नर को ग्रेप चार के दिशा-निर्देशों को सख्ती से लागू करने के निर्देश जारी किए हैं।
लगातार प्रदूषण के संपर्क रहने पर कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं
पंजाब यूनिवर्सिटी के इन्वायरमेंट स्टडीज की प्रोफेसर डा. सुमन मोर ने बताया कि प्रदूषण के लगातार संपर्क रहने से दो तरह के असर देखने को मिलते हैं। यदि कोई व्यक्ति लगातार कई साल तक वायु प्रदूषण की चपेट में है तो उसे ब्लड प्रेशर, ब्रेन स्ट्रोक, डायबिटीज, कैंसर व हृदय संबंधी बीमारियां होने का खतरा रहता है। इसमें यह भी देखा गया है कि महिलाओं की प्री मिच्योर डिलीवरी भी होती है। वहीं, अल्पकालीन संपर्क में आने पर व्यक्ति को आंखों में जलन, सिर में दर्द, जिन्हें सांस की बीमारियां हैं, उन्हें सांस लेने में दिक्कत में आ सकती है। कुछ एलर्जी के भी केस बढ़ सकते हैं।
वर्क फार होम के लिए डीसी लेंगे निर्णय
ग्रेप-4 लागू होने की स्थिति में स्कूल बंद करने और कर्मचारियों के वर्क फार होम करने का फैसला उपायुक्त स्वयं ले सकते हैं। हरियाणा के स्कूल शिक्षा निदेशालय ने एनसीआर क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सभी जिलों के उपायुक्तों को पत्र जारी कर निर्देश दिये हैं कि वे अपने-अपने जिलों में प्रदूषण बढ़ने पर स्कूल खोलने या बंद करने का निर्णय स्वयं ले सकते है। अगर किसी जिले के सरकारी और निजी स्कूल बंद किए जाते है तो उन स्कूलों की अध्यापकों द्वारा ऑनलाइन कक्षाएं ली जाएंगी। एक ही जिले में ग्रामीण और शहरी इलाकों के स्कूलों के लिए अलग-अलग फैसले हो सकते हैं। केवल वहीं स्कूल बंद किये जायेंगे जहां वायु प्रदूषण अधिक होगा। जहां स्कूल बंद किये जायेंगे वहां विद्यार्थी ऑनलाइन पढ़ाई करेंगे। वहीं, कर्मचारियों के वर्क फार होम का फैसला भी डीसी ले सकते हैं।
उपायुक्तों व निगम कमिश्नर को पानी का छिड़काव करने के निर्देश
हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन पी राघवेन्द्र राव ने बताया कि हरियाणा के शहरों में प्रदूषण की सबसे बड़ी वजह धूल हैं। इससे निपटने के लिए प्रदूषण से प्रभावित शहरों के उपायुक्त व निगम कमिश्नरों को तत्काल कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। सड़कों पर पानी का छिड़काव और टूटी सड़कों के तत्काल मरम्मत करने के आदेश जारी किए गए हैं। इसके साथ अन्य कदम उठाए जाने के विस्तृत आदेश सभी उपायुक्तों को भेजे जा चुके हैं। इस संबंध में मंगलवार को शाम को एक बैठक भी रखी गई है, जिसमें सभी जिलों के उपायुक्त वर्चुअल माध्यम से जुड़ेंगे।