ऐसी धारणाएं हैं कि वैदिक मंत्रों का जाप महिलाएं नहीं कर सकती है। हालांकि सनातन धर्म में महिलाओं को शक्ति का प्रतीक माना गया है तो यह धर्म महिलाओं को मंत्रों का जाप करने से कैसे रोक सकता है? इसलिए आज हम कुछ ऐसी ही मान्यताओं पर जानकारी साझा करेंगे कि महिलाएं वैदिक मंत्रों का जाप कर सकती हैं या नहीं ?
हमारे शास्त्रों में वैदिक मंत्रों का एक महत्वपूर्ण स्थान है, जिनके जाप से जुड़ी कई सारी मान्यताएं और सावधानियां बताई गई हैं। ऐसी भी धारणाएं हैं कि वैदिक मंत्रों का जाप महिलाएं नहीं कर सकती है। हालांकि सनातन धर्म में महिलाओं को शक्ति का प्रतीक माना गया है, तो यह धर्म महिलाओं को मंत्रों का जाप करने से कैसे रोक सकता है?
इसलिए आज हम कुछ ऐसी ही मान्यताओं पर जानकारी साझा करेंगे कि महिलाएं वैदिक मंत्रों का जाप कर सकती हैं या नहीं ?
शास्त्र क्या कहता है ?
दरअसल, वेदों और शास्त्रों में ऐसा कुछ भी उल्लेख नहीं है, जो महिलाओं को वेद सीखने और मंत्र जाप करने की ओर इशारा करता हो। ऐसे में यह धारणा बिल्कुल गलत है कि वैदिक मंत्रों (Vedic Mantras)का जाप महिलाएं नहीं कर सकती हैं।
जबकि कुछ ग्रंथों में ऐसे मंत्र हैं, जिनका जाप केवल महिलाएं ही कर सकती हैं। सनातन धर्म में महिलाओं को सबसे अधिक सम्मान दिया गया है। ऐसा कहा जाता है कि महिलाओं ने ब्रह्मा, विष्णु और महेश का निर्माण किया और फिर त्रिमूर्ति ने ब्रह्मांड का निर्माण किया।
सुंदर कांड का पाठ
यह भी एक गलत धारणा है कि महिलाओं को सुंदर कांड का पाठ नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसमें गायत्री मंत्र शामिल है। लेकिन शास्त्र में इसका वर्णन कहीं भी नहीं है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, प्राचीन लोग वेद पाठ करने में महिलाओं के साथ किसी भी तरह का भेदभाव नहीं करते थे।