भारत की जी20 की अध्यक्षता में कई नई पहल हुई हैं। इस दौरान कई उपलब्धियां भी हासिल की गई हैं। इन सबके बीच भारत दुनिया की अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं के नेताओं के शिखर सम्मेलन की मेजबानी के लिए तैयार है। इससे पहले कार्यक्रम के मद्देनजर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई। इसमें भारत के जी20 शेरपा अमिताभ कांत, वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव अजय सेठ और G 20 के मुख्य समन्वयक हर्ष वर्धन श्रृंगला मौजूद थे।
प्रेस कान्फ्रेंस में अमिताभ कांत ने कहा कि भारत ने विकास को गति देने के लिए डिजिटल लोक बुनियादी ढांचे का एक अनूठा मॉडल तैयार किया। जी20 शिखर सम्मेलन का घोषणापत्र वैश्विक दक्षिण और विकासशील देशों की आवाज होगा। जी20 से जुड़ी 220 से अधिक बैठकें देश भर के 60 नगरों में आयोजित की गईं, जिससे भारत की विविधता और संघीय ढांचा की झलक प्रदर्शित होती है। नई दिल्ली घोषणापत्र लगभग तैयार है। शिखर सम्मेलन के दौरान नेताओं को इसकी सिफारिश की जाएगी।
‘वसुधैव कुटुंबकम- दुनिया एक परिवार है’
अमिताभ कांत ने कहा कि भारत ने महसूस किया कि हमें अपनी अध्यक्षता ‘वसुधैव कुटुंबकम- दुनिया एक परिवार है’ की थीम के साथ शुरू करनी चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत की अध्यक्षता समावेशी, निर्णायक और महत्वाकांक्षी होनी चाहिए। हम अपनी अध्यक्षता के दौरान समावेशी, महत्वाकांक्षी और बहुत निर्णायक होने के उनके दृष्टिकोण पर खरे उतरे हैं।
प्रमुख प्राथमिकताओं के बारे में कही यह बात
जी20 अध्यक्ष पद के लिए प्रमुख प्राथमिकताओं के बारे में अमिताभ कांत ने कहा कि हमारे लिए दूसरी प्रमुख प्राथमिकता सतत विकास लक्ष्यों को गति देना था, क्योंकि 169 एसडीजी में से केवल 12 ही पटरी पर हैं और हम तय समय से काफी पीछे हैं। हम 2030 एक्शन पॉइंट के मध्य में हैं, लेकिन हम बहुत पीछे हैं, इसलिए एसडीजी में तेजी लाना, सीखने के परिणामों में सुधार, स्वस्थ परिणाम, पोषण ये सभी भारत की अध्यक्षता के लिए बहुत महत्वपूर्ण थे।
भारत ने 60 शहरों में आयोजित की बैठकें
उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन में 29 विशेष आमंत्रित देशों और 11 अंतराष्ट्रीय संस्थाओं ने हिस्सा लिया है। हमने इस अवसर का उपयोग करते हुए बैठकों को भारत के 60 शहरों और केंद्र शासित प्रदेशों में आयोजित किया गया। जब जी20 दूसरे देशों में आयोजित हुआ तो वह देश के अधिकतम दो शहरों में आयोजित होता था, लेकिन भारत ने इसे 60 शहरों में आयोजित किया।
शी जिनपिंग के न आने पर कही यह बात
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के सम्मेलन में भाग नहीं लेने पर अमिताभ कांत ने कहा कि चीन एक बहुपक्षीय खिलाड़ी है। बहुपक्षीय चर्चाओं में मुद्दे द्विपक्षीय मुद्दों से बहुत अलग होते हैं। चीनी अपने दृष्टिकोण से वृद्धि और विकास के मुद्दों पर चर्चा करते हैं। किसी भी बहुपक्षीय चर्चा के बारे में चुनौती यह है कि आपको हर मुद्दे पर सर्वसम्मति लानी होगी, हर देश के पास वीटो शक्ति है। हम हर एक देश के साथ काम करने और उन्हें अपने साथ लाने में सक्षम हैं।
क्या जी20 में अफीकी संघ शामिल होगा?
जी20 में अफीकी संघ को शामिल करने पर अमिताभ कांत ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्लोबल साउथ में बहुत विश्वास रखते हैं, उन्होंने सभी नेताओं को लिखा था और बहुत सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है और औपचारिक रूप से यह शिखर सम्मेलन से पहले आएगा।
वैश्विक चर्चा के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना मकसद
वहीं, वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव अजय सेठ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की जी20 की अध्यक्षता का फोकस और दृष्टिकोण वैश्विक चर्चा के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना है, जो लोगों के जीवन में बदलाव ला सकते हैं।
यह एक नए भारत की खोज
जी20 के मुख्य समन्वयक हर्ष वर्धन श्रृंगला ने कहा कि हमारे जी20 अध्यक्ष पद के लिए 125 से अधिक राष्ट्रीयताओं से कुल 100,000 आगंतुक आए होंगे और उनमें से कई लोगों के लिए यह एक नए भारत की खोज रही है। जी20 की अध्यक्षता से हमारे देश और हमारे नागरिकों को आर्थिक लाभ होगा।
टेक्नोलॉजी पर विशेष जोर
उन्होंने कहा कि हमने टेक्नोलॉजी पर विशेष जोर दिया, विशेष रूप से वह टेक्नोलॉजी जो डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे से जुड़ी हो। इस संदर्भ में हमने मीडिया सेंटर में कुछ प्रदर्शनियां आयोजित की हैं। हमारे पास भारतीय रिजर्व बैंक इनोवेशन हब है, जो फिर से मीडिया सेंटर में है। यह इनोवेशन हब उन फिनटेक प्रौद्योगिकियों को प्रदर्शित करेगा, जिन्हें अभी तक सार्वजनिक डोमेन में पेश नहीं किया गया है। ये अभी भी पायलट चरण में हैं। उनमें से एक केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा है, जिसके माध्यम से यहां तक कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया के लोग, जिनके पास भारत में बैंक खाता नहीं है, वे अपने मोबाइल वॉलेट में कुछ पैसे प्राप्त कर सकेंगे और उत्पादों को खरीदने के लिए डिजिटल रूप से इसका उपयोग कर सकेंगे।