बहुजन समाज पार्टी 30 दिसंबर यानी शुक्रवार को लखनऊ में बड़ी बैठक करने जा रही है। बसपा ने इस बैठक में ओबीसी के सभी बड़े नेताओं को मीटिंग में रहने का निर्देश दिया है। इस बैठक को आगामी यूपी नगर निकाय के चुनाव से जोड़कर भी देखा जा रहा है।
दरअसल इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मंगलवार को राज्य सरकार को बड़ा झटका देते हुए निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण रद्द कर दिया। हाईकोर्ट ने निकाय चुनावों के लिए 5 दिसंबर को जारी ड्राफ्ट अधिसूचना भी रद्द कर दी। इस मामले को लेकर पक्ष-विपक्ष में बहस छिड़ गई। बसपा सुप्रीमो मायावती ने बीजेपी पर इसे लेकर निशाना साथा।
उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि यूपी निकाय चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग को संवैधानिक अधिकार के तहत मिलने वाले आरक्षण को लेकर सरकार की कारगुजारी का संज्ञान लेने संबंधी माननीय हाईकोर्ट का फैसला सही मायने में भाजपा व उनकी सरकार की ओबीसी एवं आरक्षण-विरोधी सोच व मानसिकता को प्रकट करता है।
वहीं, हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट करते हुए कहा कि सरकार पिछड़े वर्ग के अधिकारों को लेकर कोई समझौता नहीं करेगी। उन्होंने आगे लिखा कि नगरीय निकाय चुनाव के संबंध में उच्च न्यायालय के आदेश का विस्तृत अध्ययन कर विधि विशेषज्ञों से परामर्श के बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
अखिलेश यादव ने भी बीजेपी को घेरा
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने निकाय चुनाव में ओबीसी के आरक्षण रद्द करने के फैसले को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि बीजेपी दलितों का आरक्षण भी छीन लेगी।