केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी अपनी बेबाकी के लिए जाने जाते हैं। वह अकसर राजनीति से इतर भी तमाम मुद्दों पर खुलकर बात करते हैं। अब उन्होंने 2024 के आम चुनाव में अपने इलेक्शन को लेकर भी ऐसा ही बात कही है, जो कम ही नेता कहते हैं। उन्होंने कहा कि मैं 2024 में नागपुर सीट से एक बार फिर लोकसभा चुनाव लड़ूंगा, लेकिन किसी को नाश्ता-पानी नहीं कराऊंगा। किसी को चाय नहीं पिलाऊंगा और पोस्टर तक नहीं लगवाऊंगा। उन्होंने कहा कि इसके बाद भी मैं दावा करता हूं कि चुनाव में मेरी जीत होगी और यह अंतर 5 लाख से ज्यादा का होगा, जो इस बार तीन लाख ही था।
इस दावे की वजह पूछे जाने पर नितिन गडकरी ने कहा कि मैं हमेशा काम ही करता हूं, इसलिए भरोसा है कि लोग उसके आधार पर समर्थन करेंगे। उन्होंने कहा कि मैं किसी भी काम को मना नहीं करता हूं, इसलिए मुझे भरोसा है कि हर किसी का समर्थन मिलेगा। विपक्ष के लोग भी मुझे ही वोट करेंगे। ‘अजेंडा आज तक’ पर आए नितिन गडकरी ने कहा कि मैंने अपनी जिंदगी में कभी झूठ नहीं बोला। चुनाव में भी जाकर कह देता हूं कि यह सड़क बना दूंगा तो लोग मान जाते हैं। इसकी वजह मेरा रिपोर्ट कार्ड है। उन्होंने कहा कि जल्दी ही लोग दिल्ली से देहरादून तक का सफर दो घंटे के अंदर पूरा कर पाएंगे।
‘कुछ लोग गलत खबरें चलाते हैं, वह भी लिखा जो मैंने कहा ही नहीं’
यही नहीं मुंबई से दिल्ली तक का सफर भी 12 घंटे में पूरा हो सकेगा। उन्होंने इस दौरान मीडिया पर भी हमला बोला और कहा कि कुछ लोग गलत खबरें भी चलाते हैं। ऐसी पत्रकारिता के खिलाफ मेरी लड़ाई है। उन्होंने कहा कि मेरी लड़ाई फर्जी पत्रकारिता के खिलाफ है। पिछले एक साल में मैंने जो नहीं कहा है, उसकी भी न्यूज बनती है। कोई एक पत्रकार गलत खबर वेबसाइट पर डाल देता है और फिर शाम को टीवी पर कार्यक्रम होते हैं। दिन भर यह दिखाना कि इस़ने यह कहा और वह कहा गलत है। मैं मानता हूं कि पत्रकार गलत भी लिखे तो उसे स्वतंत्रता से लिखने का अधिकार है। ऐसा इसलिए मानता हूं क्योंकि खुद मैंने अपनी राजनीति की शुरुआत आपातकाल के दौर में की थी।
राहुल की यात्रा पर बोले- मैं नहीं पढ़ता कौन जोड़ रहा और कौन तोड़
लेकिन किसी के नाम का गलत इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। मेरे साथ ऐसा कई बार हुआ है, जब गलत बयान चलाए गए। गडकरी ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पर भी टिप्पणी करते हुए कहा कि अच्छी बात है कि वह मेहनत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के यशस्वी होने के लिए जितनी जरूरत सत्ताधारी पार्टी की है, उतनी ही विपक्ष की भी। अटल जी ने एक बार जवाहर लाल नेहरू की तीखी आलोचना की थी और शाम को नेहरू ने अटल जी की तारीफ की थी। राहुल गांधी को विपक्ष का जिम्मा मिला है और उन्हें उसके तहत काम करना चाहिए। राहुल गांधी की मेहनत पर नितिन गडकरी ने कहा कि यह अधिकार सभी को है कि वह जितना चाहे परिश्रम कर ले। स्पर्धा होनी ही चाहिए, लेकिन वह दुश्मनी के स्तर पर नहीं जानी चाहिए। मैं तो यह भी नहीं पढ़ता कि कौन जोड़ रहा है और कौन तोड़ रहा है, मैं सिर्फ अपना काम करता हूं।