भोपाल वनमंडल की आगामी 10 वर्ष के लिए बनाई गई नई कार्ययोजना पर केंद्र सरकार ने रोक लगा दी है। बताया जा रहा है कि इस कार्ययोजना में बाघ विचरण क्षेत्र को नेश्ानल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश पर शामिल तो कर लिया गया था, लेकिन विधिवत अधिसूचना ही जारी नहीं हुई, जिस कारण इसे स्वीकृति नहीं दी गई। उधर, 10 अन्य वनमंडल सीहोर, नरसिंहपुर, राजगढ़, दक्षिण छिंदवाड़ा, उत्तर बैतूल, हरदा, दक्षिण सागर, देवास, सिंगरौली एवं पूर्व मंडला की कार्ययोजना को स्वीकृति दे दी गई है।
मध्य प्रदेश राज्य वन विकास निगम इंदौर में क्षेत्रीय मुख्य महाप्रबंधक प्रभात कुमार वर्मा ने वर्ष 2021-22 से वर्ष 2030-31 के लिए कार्ययोजना तैयार की थी। इसे स्वीकृति के लिए केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के भोपाल स्थित क्षेत्रीय कार्यालय को भेजा गया था।
बताया जा रहा है कि इस कार्ययोजना का प्रस्तुतीकरण दिखाने के लिए भारतीय वन सेवा के उन 11 वरिष्ठ अधिकारियों को केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के भोपाल स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में बुलाया गया था, जिन्होंने अलग-अलग वनमंडल की कार्ययोजना बनाई है।
इसका पत्र उनसे कनिष्ठ अधिकारी ने जारी किया। सूत्रों का कहना है कि इससे कार्ययोजना बनाने वाले अधिकारी नाराज हो गए और उन्होंने इसका बहिष्कार कर दिया। बाद में बैठक निरस्त हो गई। अब मुख्य वनसंरक्षक (सीसीएफ) द्वारा बनाई गई भोपाल वन मंडल की कार्ययोजना पर रोक लगाए जाने के मामले को इससे जोड़कर देखा जा रहा है। यह भी बताया जा रहा है कि बैठक बुलाकर प्रस्तुतीकरण दिखा