इस बार की केदारनाथ धाम की यात्रा में जहां रिकार्ड तीर्थयात्री आए वहीं यात्रा से जुड़े विभिन्न महिला समूहों ने भी जोरदार कारोबार किया है। अकेले केदारनाथ प्रसाद से 44 लाख का व्यवसाय हुआ जबकि महिला समूहों ने कुल 48 लाख का कारोबार किया। बता दें कि 6 मई को कपाट खुलने से 27 अक्टूबर कपाट बंद होने तक कुल रिकार्ड 15 लाख 63 हजार से ज्यादा यात्रियों ने बाबा केदार के दर्शन किए।
प्रसाद बेचने के साथ-साथ चला रहीं कैफे
केदारनाथ धाम यात्रा के दौरान जिले में संचालित महिला समूहों ने भी यात्रा से बेहतर कारोबार किया। कोरोना काल के बाद इस साल महिला समूहों के व्यवसाय को नई ऊंचाइयां मिली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भरता एवं स्वरोजगार को बढ़ावा देने का मंत्र अपनाकर महिला समूह रोजगार के क्षेत्र में न केवल अपने को आगे बढ़ा रहे हैं बल्कि अन्य महिलाओं को भी रोजगार से जोड़ रही है। जनपद में महिलाएं बाबा केदारनाथ धाम के लिए स्थानीय उत्पादों से निर्मित प्रसाद तैयार करने, यात्रा मार्ग पर रेस्तरां, कैफे संचालित करने से लेकर अन्य स्थानीय उत्पाद बेचकर आत्मनिर्भर बन रही हैं।
यात्रियों को लोकल प्रोडक्ट करा रहीं उपलब्ध
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि बाबा केदारनाथ में दुनियाभर से आने वाले तीर्थ यात्रियों को स्थानीय उत्पादों से निर्मित प्रसाद एवं बाबा केदारनाथ के सोविनियर उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। साथ ही स्थानीय शहद, हर्बल धूप समेत कई उत्पाद महिलाएं तैयार कर यात्रियों को उपलब्ध करवा रही हैं। इसके अलावा स्थानीय खाद्य पदार्थ उपलब्ध करवाने के लिए सरस रेस्तरां एवं हिलांस कैफे भी यात्रा मार्ग पर संचालित हो रहे हैं।
चौलाई के लड्डू और चूरमा बनाया
एनआरएलएम के ब्लॉक समन्वयक सतीश सकलानी ने बताया कि देवीधार उन्नति क्लस्टर ने पूरी यात्रा के दौरान आनलाइन और आफलाइन माध्यम से प्रसाद बेचकर करीब 42 हजार रुपए का कारोबार किया है। केदारनाथ प्रसाद उत्पादक फेडरेशन के अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह सजवाण ने बताया कि इस वर्ष उन्होंने करीब 50 कुंतल चैलाई के लड्डू एवं चूरमा तैयार कर केदारनाथ में बेचा है। पिछले छह महीनों में उन्होंने 60 महिलाओं को रोजगार दिया।
यात्रा में पहली बार हुआ इतना कारोबार
सरस रेस्तरां संचालित कर रही महादेव स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष पूनम देवी ने खुशी जताते हुए बताया कि पहली ही यात्रा के दौरान उन्होंने करीब 4 लाख रुपए का व्यवसाय किया। सरस रेस्तरां में 8 लोगों को नियमित रोजगार मिला है। सरस विपणन केंद्र संचालित कर रही शिवानी ने बताया कि केदारनाथ यात्रा के दौरान जिले भर के किसानों से एकत्रित स्थानीय उत्पाद बेचकर करीब 80 हजार रुपए का कारोबार किया।