नई दुनिया: उत्तर प्रदेश के नए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानून व्यवस्था को लेकर बड़ा फैसला लिया है। सीएम ने शुक्रवार की रात पहले DGP बदला और उसके बाद शनिवार को नए DGP सुलखान सिंह को कड़े आदेश जारी किए। योगी ने DGP से कहा कि पुलिस किसी के दवाब में काम ना करे। नेता किसी भी पार्टी का हो उस पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए।
योगी ने कहा कि कोई नेता पुलिस को अपना रौब दिखाता है तो उसे सबसे पहले जेल में ठूंसा जाए। प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को पुलिस महकमे में शीर्ष स्तर पर फेरबदल करते हुए सुलखान सिंह को नया डीजीपी चुना है। दरअसल इन्हें सैयद जावीद अहमद की जगह रखा गया है। सैयद जावीद अहमद को डीजीपी पद से हटा दिया गया है। उनके स्थान पर प्रदेश के सबसे वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी सुलखान सिंह को प्रदेश का नया पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) नियुक्त किया गया है। आदित्य मिश्रा को अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) के पद पर तैनात किया गया है।
वर्ष 1980 बैच के आईपीएस सुलखान सिंह मौजूदा समय में डीजीपी प्रशिक्षण मुख्यालय के पद पर तैनात थे। महकमे में उनकी छवि तेज-तर्रार और ईमानदार अधिकारी की रही है। डीजीपी जावीद अहमद को डीजीपी पीएसी के पद पर स्थानांतरित किया गया है। इसके अलावा 10 अन्य वरिष्ठ आईपीएस अफसरों का भी तबादला किया गया है।
डॉ. सूर्य कुमार को डीजीपी अभियोजन पद के अतिरिक्त कार्यभार से मुक्त कर दिया गया है। वह पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के अध्यक्ष बने रहेंगे। डीजीपी अभिसूचना मुख्यालय जवाहर लाल त्रिपाठी को डीजीपी अभियोजन तथा डीजीपी होमगार्ड्स आलोक प्रसाद को डीजीपी होमगार्ड्स के साथ-साथ डीजीपी अभियोजन का अतिरिक्त प्रभार भी दिया गया है। वर्ष 1989 बैच के आईपीएस आदित्य मिश्रा को दलजीत सिंह चौधरी के स्थान पर एडीजी कानून-व्यवस्था नियुक्त किया गया है। इससे पहले वह एडीजी ईओडब्ल्यू के अलावा लॉजिस्टिक्स का भी अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे थे।