उत्तर प्रदेश आतंकियों की पनाहगाह रहा है। समय-समय पर पश्चिम से लेकर प्रदेश के साथ ही अन्य शहरों धमांर्ध कट्टरपथियों ने दहशत फैलाकर दिल दहला देने वाली वारदातों को अंजाम दिया है। कानपुर, फतेहपुर, उन्नाव, लखनऊ और प्रयागराज में भी आतंकी संगठन बहुत अधिक सक्रिय रहे हैं। बीते कुछ माह पहले अलकायदा के गजवातुल हिंद संगठन से जुड़े मिनहाज की गिरफ्तारी भी लखनऊ से एटीएस ने की थी।
कमलेश तिवारी हत्याकांड में भी जेहादी कनेक्शन मिले थे। वहीं, उदयपुर में कन्हैयालाल की नृशंस हत्या के बाद दावत-ए-इस्लामी संगठन भी चर्चा में आ गया है। हत्यारोपित इस संगठन से जुड़ा है और उसने करांची में जाकर ट्रेनिंग ली थी। इसके चलते शासन ने पूरे प्रदेश में अलर्ट जारी कर दिया। ऐसे संगठनों से जुड़े लोगों, उनकी गतिविधियों, फंडिंग समेत अन्य बिंदुओं पर ब्योरा जुटाने के लिए खुफिया विभाग और पुलिस को निर्देश दिए गए हैं।
संदिग्ध संगठनों से जुड़े लोगों की सभाओं पर पुलिस और खुफिया विभाग की नजर है। जो धर्म के नाम पर कट्टारता फैला रहे हैं। खुफिया विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक ऐसे संदिग्ध संगठन एनआरसी, सीएए को लेकर हुए प्रदर्शन और हंगामे के बाद अधिक सक्रिय हो गए हैं।
रेलवे, एयरपोर्ट अथारिटी, पासपोर्ट विभाग के साथ बैठक कर दिए निर्देशः जेसीपी कानून व्यवस्था पीयूष मोर्डिया ने रेलवे, एयरपोर्ट अथारिटी, पासपोर्ट विभाग के अधिकारियों, एलआइयू समेत अन्य के साथ बैठक की। उन्होंने संदिग्धों पर कड़ी निगरानी करने के लिए कहा है। इसके साथ ही एयरपोर्ट अथारिटी से विदेश खासकर खाड़ी देश जाने और वहां से आने वाले लोगों के संबंध में ब्योरा मांगा है। शहर में शैक्षिक संगठनों में कितने विदेशी हैं। जो यहां शिक्षा ले रहे हैं। उनकी गतिविधियां क्या है। वह किन मदसरों, विश्वविद्यालयों अथवा शैक्षिक संगठन से संबंध हैं। इनकी फंडिंग कहां से और कैसे हो रही है। इस भी ब्योरा जुटाया जा रहा है।
आतंकी गतिविधियों को लेकर चर्चा में रहें संगठनः अलकायदा का गजवातुल हिंद संगठन, उदयपुर की घटना के बाद चर्चा में आया दावत-ए-इस्लामी, खालिस्तान कमांडो, बब्बर खालसा, पीएफआइ
संदिग्ध संगठनों और लोगों की गतिविधियों पर नजर है। शैक्षिक और कुछ अन्य संगठनों की फंडिंग के बारे में भी ब्योरा जुटाया जा रहा है। इसके साथ ही विदेश व खासकर खाड़ी देश से आने जाने वाले लोगों पर पुलिस की नजर हैं। इस संबंध में पुलिस समेत कई विभागों के लोगों के साथ बैठककर अहम निर्देश दिए गए हैं। –पीयूष मोर्डिया, जेसीपी कानून व्यवस्था