कंगना रनोट की फिल्म थलाइवी रिलीज होने के साथ ही विवादों में घिर गई है। तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता की जिंदगी पर बनी इस फिल्म को लेकर उनकी पार्टी AIADMK ने आपत्ति जताई है। पार्टी का दावा है कि कुछ सीन फिल्म में ऐसे हैं, तो तथ्यात्मक रूप से गलत हैं। पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री डी जयाकुमार ने फिल्म देखने के बाद मीडिया से बात की। उन्होंने कहा, यह फिल्म काफी अच्छी तरीके से बनाई गई है। अगर कुछ सीन को डिलीट कर दिया जाए, तो यह बड़ी हिट साबित हो सकती है।
एमजीआर ने नहीं मांगा था पद
थलाइवी, जे जयललिता और उनके मेंटर एमजीआर के जीवन पर बनी है। फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे एक सफल फिल्म करियर के बाद जयललिता अपना राजनीतिक सफर शुरू करती हैं और प्रदेश की मुख्यमंत्री तक बनती हैं। डी जयाकुमार के अनुसार इस फिल्म में दिखाया गया है कि एमजीआर ने पहली डीएमके सरकार में मंत्रिपद मांगा हैं। जबकि ऐसा नहीं हुआ था। एमजीआर ने कभी पद की मांग नहीं की थी, वो सिर्फ एक विधायक बनकर रहना चाहते थे।
‘डिलीट कर देना चाहिए ये सीन’
हालांकि रिपोर्ट्स के अनुसार, जयकुमार ने कहा कि अन्नादुरई चाहते थे कि एमजीआर मंत्री बनें, लेकिन उन्होंने खुद ही इसके लिए मना कर दिया था। और फिर बाद में उन्हें स्मॉल सेविंग्स डिपार्टमेंट का डिप्टी चीफ बना दिया गया था, जो एक नई पोस्ट थी। ऐसा दिखाना कि एमजीआर ने पद मांगा ये फिल्म में से डिलीट कर देना चाहिए।
जयलिलता को लेकर भी की ये गलती
जयकुमार को फिल्म के एक और सीन पर आपत्ति है जिसमें जयललिता को राजीव गांधी और इंदिरा गांधी से मिलते हुए दिखाया गया और इस बात की जानकारी एमजीआर को नहीं थी। उन्होंने कहा कि यह बिल्कुल गलत है, क्योंकि वह कभी भी अपने नेता के खिलाफ नहीं गईं। उन्होंने ये भी कहा कि कुछ सीन में एमजीआर को जयललिता को कम महत्व देते हुए दिखाया गया जो कि सच नहीं है।