- बाढ़ पीड़ितों को समय पर राहत सामग्री उपलब्ध कराते हुए उनकी हर सम्भव मदद की जाए
- मुख्यमंत्री कल 09 अगस्त को वे जनपद औरैया तथा इटावा के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे
- जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक कर इन जनपदों में संचालित राहत एवं बचाव कार्यों की मौके पर समीक्षा भी करेंगे
- अधिकारियों को अपने-अपने जनपदों में बाढ़ कण्ट्रोल रूम संचालित करने, बाढ़ की दृष्टि से संवेदनशील स्थलों की मॉनीटरिंग के साथ-साथ नियमित पेट्रोलिंग करने के भी निर्देश
- प्रदेश के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 828 बाढ़ शरणालय स्थापित किये गये, 976 बाढ़ चौकियां स्थापित की गयीं, बाढ़ में फंसे लोगों को रेस्क्यू करने के लिए 1,133 नावें संचालित
- बाढ़ पीड़ितों को अब तक कुल 7,015 राशन किट वितरित की गयीं तथा 28,028 लंच पैकेट वितरित किये गये
- एन0डी0आर0एफ0, एस0डी0आर0एफ0 तथा पी0ए0सी0 की 39 टीमें प्रदेश के 22 जनपदों के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में बचाव कार्याें हेतु तैनात
- एन0डी0आर0एफ0 तथा एस0डी0आर0एफ0 द्वारा अब तक 536 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया
- बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों के लिए 409 मेडिकल टीम गठित
- बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में 360 पशु शिविर स्थापित
- बाढ़ग्रस्त जनपदों के ग्रामों में बचाव एवं राहत कार्याें हेतु ग्राम स्तरीय समितियां गठित
- इन समितियों और नोडल अधिकारियों के समन्वय हेतु प्रत्येक ग्राम में एक-एक वायरलेस सेट युक्त पुलिस कर्मचारी भी तैनात, इससे संचार व्यवस्था सुदृढ़ बनी हुई है
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्य तेजी से संचालित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि बाढ़ पीड़ितों को समय पर राहत सामग्री उपलब्ध कराते हुए उनकी हर सम्भव मदद की जाए। उन्होंने अधिकारियों को अपने-अपने जनपदों में बाढ़ कण्ट्रोल रूम संचालित करने, बाढ़ की दृष्टि से संवेदनशील स्थलों की मॉनीटरिंग के साथ-साथ नियमित पेट्रोलिंग करने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री जी आज यहां अपने सरकारी आवास पर प्रदेश के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कल 09 अगस्त को वे जनपद औरैया तथा इटावा के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे तथा जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक कर इन जनपदों में संचालित राहत एवं बचाव कार्यों की मौके पर समीक्षा भी करेंगे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बाढ़ प्रभावित और बाढ़ के दृष्टिगत संवेदनशील स्थलों को चिन्ह्ति करते हुए आवश्यकतानुसार राहत सामग्री के पैकेट तैयार कर वितरित किए जाएं। उन्होंने बाढ़ प्रभावित लोगों को कम्युनिटी किचन के माध्यम से फूड पैकेट उपलब्ध कराने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि आवश्यकतानुसार ड्राई राशन किट तैयार कर वितरित की जाएं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नौकाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। बाढ़ चौकियों की स्थापना, पेट्रोमैक्स की व्यवस्था करने के साथ-साथ तटबन्धों इत्यादि की प्रभावी पेट्रोलिंग की जाए। बाढ़ पीड़ितों को समय पर राहत सामग्री उपलब्ध कराते हुए उनकी हर सम्भव मदद की जाए। उन्होंने बाढ़ से उत्पन्न होने वाले संक्रमणों तथा अन्य स्वास्थ्यजनित परिस्थितियों के दृष्टिगत सभी तैयारियां करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पशुओं के इलाज, दवाइयों और चारे इत्यादि की भी पर्याप्त व्यवस्था रहे। उन्होंने पेट्रोल, डीजल, केरोसीन इत्यादि अन्य आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि वर्तमान में 15 जनपदों के 257 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। प्रदेश के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 828 बाढ़ शरणालय स्थापित किये गये हैं। प्रदेश में 976 बाढ़ चौकियां स्थापित की गयी हैं। बाढ़ में फंसे लोगों को रेस्क्यू करने के लिए 1,133 नावें संचालित की जा रही हैं। बाढ़ पीड़ितों को विगत 24 घण्टे मंे 1,230 ड्राई राशन किट वितरित की गयी हैं, जबकि अभी तक कुल 7,015 राशन किट वितरित की जा चुकी हैं। विगत 24 घण्टों में 7,491 लंच पैकेट बाढ़ पीड़ितों में वितरित किये गये हैं, जबकि अब तक कुल 28,028 लंच पैकेट वितरित किये गये हैं।
मुख्यमंत्री जी को यह भी जानकारी दी गयी कि एन0डी0आर0एफ0, एस0डी0आर0एफ0 तथा पी0ए0सी0 की 39 टीमें प्रदेश के 22 जनपदों के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में बचाव कार्याें हेतु तैनात की गयी हैं। एन0डी0आर0एफ0 तथा एस0डी0आर0एफ0 द्वारा अब तक 536 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है। इसके अलावा, प्रदेश के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में 360 पशु शिविर भी स्थापित किये गये हैं। अब तक 7,24,329 पशुओं का टीकाकरण किया गया है। बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों के लिए 409 मेडिकल टीम गठित की गयी हैं।
मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि बाढ़ग्रस्त जनपदों के ग्रामों में बचाव एवं राहत कार्याें हेतु ग्राम स्तरीय समितियां गठित की गयी हैं। इन समितियों और नोडल अधिकारियों के समन्वय हेतु प्रत्येक ग्राम में एक-एक वायरलेस सेट युक्त पुलिस कर्मचारी की तैनाती भी की गयी है, जिससे संचार व्यवस्था सुदृढ़ बनी हुई है।
मुख्यमंत्री जी को जानकारी दी गयी कि उनके निर्देशों के क्रम में जल शक्ति मंत्री डॉ0 महेन्द्र सिंह द्वारा आज जनपद इटावा और औरैया का हवाई सर्वेक्षण किया गया और जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों के साथ बैठक कर राहत कार्याें की समीक्षा की गयी। बैठक में राहत शिविरांे में प्रकाश तथा अस्थायी शरणालयों में शौचालय, पेयजल, कपड़े, बर्तन, बिस्तर आदि की सुचारु व्यवस्था सुनिश्चित कराए जाने के निर्देश दिए गये। यह भी निर्देश दिए गये कि राहत शिविरों में कोविड प्रोटोकॉल का पालन अनिवार्य रूप से सुनिश्चित किया जाए।
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