ओडिशा के केंद्रपाड़ा में रविवार सुबह एक महिला ने प्राइवेट नर्सिंग होम में ऐसी बच्ची को जन्म दिया जिसके दो सिर और तीन हाथ हैं. यह एक दुर्लभ मेडिकल कंडीशन है. महिला दूसरी बार मां बनी है. बच्ची के दोनों चेहरों के नाक, मुंह पूरी तरह विकसित हैं. दोनों मुंह से बच्ची को आहार दिया जा रहा है. वहीं दोनों नाक से बच्ची सांस ले रही है.
केंद्रपाड़ा के एक प्राइवेट अस्पताल में सिजेरियन ऑपरेशन के जरिए रविवार सुबह बच्ची का जन्म हुआ. बाद में मां और बच्ची को पहले केंद्रपाड़ा के डिस्ट्रिक्ट हेडक्वार्टर अस्पताल में शिफ्ट किया गया. फिर इन्हें खास देखभाल के लिए कटक के सरदार वल्लभभाई पटेल पीजी इंस्टीट्यूट ऑफ पेडियाट्रिक्स ले जाया गया.
बच्ची का स्वास्थ्य स्थिर है. केंद्रपाड़ा के डिस्ट्रिक्ट हेडक्वार्टर्स अस्पताल (DHH) के डॉक्टरों ने पुष्टि की कि ये सियामीज ट्विन्स का केस है. बच्ची के माता-पिता राजनगर क्षेत्र के कानी गांव के रहने वाले हैं. DHH केंद्रपाड़ा के पेडियाट्रिक कंसल्टेंट डॉ देबाशीष साहू ने आजतक को बताया कि जुड़े हुए जुड़वा दुर्लभ पैदाइशी कंडीशन होती है जो छाती और पेट से जुड़े होते हैं. इस स्थिति को फ्यूजन की वजह से एम्ब्रियो जेनेसिस कहा जाता है. डॉ साहू के मुताबिक अल्ट्रासाउंड होने के बाद इस मेडिकल विसंगति के बारे में विस्तार से जाना जा सकेगा.
डॉ साहू के मुताबिक इस तरह के असामान्य जन्म की घटनाएं अब बहुत घट गई हैं क्योंकि अब लोग जागरूक हैं. लेकिन अब भी कुछ ग्रामीण क्षेत्र हैं जहां (गर्भवती महिलाओं की ओर से) समय से दवाएं लेने का ध्यान नहीं रखा जाता. वो फोलिक एसिड दवाएं लेना बंद कर देती हैं और बाद की स्टेज में अल्ट्रासाउंड भी नहीं करातीं जिससे विसंगति का पता चल सके.
बता दें कि आदिवासी बहुल सुंदरगढ़ के जिला प्रशासन ने ‘मातृज्योति’ के नाम से गर्भवती महिलाओं की देखभाल के लिए कार्यक्रम शुरू कर रखा है. इसके तहत नियमित स्वास्थ्य चेकअप किए जाते हैं. मातृज्योति कार्यक्रम के तहत मुफ्त चार अल्ट्रासाउंड चेकअप और अन्य एंटे-नेटल टेस्ट किए जाते हैं जिससे कि महिला और उसके गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य की सुरक्षा की जा सके.
बच्ची के पिता ने ओडिशा सरकार से अपनी बच्ची के ट्रीटमेंट के लिए मदद का आग्रह किया है. बता दें कि पहले कंधमाल के जुड़े हुए ट्विन्स को अलग करने का कामयाब ऑपरेशन हुआ था. एम्स दिल्ली में हुए इस ऑपरेशन का पूरा खर्च ओडिशा सरकार ने उठाया था.