लखनऊ में रमजान और कोरोना को लेकर मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने बयान जारी किया. उन्होंने कहा है कि 12 अप्रैल को रमजान का चांद देखा जाएगा. अगर 12 अप्रैल को चांद नहीं दिखा तो 14 अप्रैल 2021 को पहला रोजा होगा. मौलाना ने रमजान में कोरोना नियमों का पालन करने की अपील भी की है. उन्होंने सेहरी और इफ्तार में लोगों से कोरोना के खात्मे की दुआ करने की अपील की.
मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने कहा कि नाइट कर्फ्यू का ध्यान रखते हुए अव्वल वक्त में नमाज-ए-ईशा पढ़ाई जाए. इसके बाद तरावीह की नमाज पढ़ाई जाए. मौलाना ने यह भी कहा कि किसी भी मस्जिद में डेढ़ पारे से ज्यादा न पढ़ा जाए.
उन्होंने कहा कि कोविड संक्रमण देखते हुए किसी भी मस्जिद में एक वक्त में 100 से ज़्यादा लोग इकट्ठा न हो. मस्जिदों में मास्क, सेनिटाइजेशन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें. इफ्तार में भी एक वक्त में 100 से ज्यादा लोग इकट्ठा न हो. मौलाना ने आगे कहा कि इसके साथ सेहरी में लाउडस्पीकर का इस्तेमाल न करें.
आपको बता दें कि रमजान की शुरूआत चांद देखने के बाद होती है. सऊदी अरब और अन्य मुस्लिम देश चांद दिखने के बाद ही रमजान की सही तिथि की घोषणा करते हैं. चांद दिखने के हिसाब से रमजान का महीना कभी 29 तो कभी 30 दिन का होता है.
भारत में रमजान की शुरूआत चांद निकलने पर निर्भर होती है. इसलिए इसकी तारीख हर देश में अलग-अलग हो सकती है. Calendardate.com के अनुसार, इस साल रमजान 12 अप्रैल, सोमवार की शाम से शुरू होगा और मंगलवार, 11 मई को खत्म होगा. इसके बाद 13 मई को ईद उल-फित्र मनाई जाएगी.