देश में कोरोना संक्रमितों के आंकड़ों में तेजी से बढ़ रहे हैं। बीते 24 घंटें में 1.31 लाख से भी ज्यादा नए मामले सामने आए हैं। मौजूदा हालातों को देखते हुए सोशल मीडिया पर 4 मई से लेकर 11 जून तक आयोजित होने वाली दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षाओं काे स्थगित या फिर ऑनलाइन आयोजित करने की मांग की जा रही है। इसी बीच शुक्रवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने बोर्ड को गैर जिम्मेदार बताते हुए छात्रों के पक्ष में एक ट्वीट किया है।
प्रियंका लिखती हैं, मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए भी सीबीएसई द्वारा छात्रों को बोर्ड परीक्षा देने के लिए मजबूर करना गैर-जिम्मेदाराना बरताव है। बोर्ड परीक्षाओं को कुछ समय के लिए रद्द या स्थगित कर देना चाहिए। सीबीएसई कोई ऐसी व्यवस्था भी कर सकता है जिसके तहत विद्यार्थियों को परीक्षा देने के लिए शारीरिक उपस्थिति न होना पड़े।
देश में कोरोना वायरस के मौजूदा हालातों को देखते हुए दसवीं और बारहवीं कक्षा के तकरीबन एक लाख विद्यार्थियों याचिकाओं पर हस्ताक्षर कर सरकार से मई में आयोजित होने वाली बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने या ऑनलाइन आयोजित करने की मांग की थी। साथ ही बीते दो दिनों से ट्विटर पर हैशटैग ‘कैंसल बोर्ड एग्जाम्स 2021’ भी ट्रेंड कर रहा है। लेकिन केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने शुक्रवार को यह स्पष्ट कर दिया कि दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षाएं निर्धारित शेड्यूल के अनुसार ही आयोजित की जाएंगी।
इस दौरान कोविड-19 के सभी दिशा-निर्देशों का पालन किया जाएगा। बोर्ड के इस निर्णय पर प्रियंका गांधी वाड्रा ने बोर्ड को फटकार लगाई और छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त व्यवस्था करने की मांग की।
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