भारतीय टेनिस स्टार सानिया मिर्जा को बुधवार को 4 साल के बाद सरकार की ‘टारगेट ओलंपिक पोडियम’ योजना (टॉप्स) में शामिल किया गया. कई ग्रैंड स्लैम ट्रॉफियां जीतने वाली 34 साल की सानिया ने चोट के कारण चार साल पहले 2017 में टॉप्स योजना से हटने का फैसला किया था.
उन्हें दिल्ली में मिशन ओलंपिक इकाई की 56वीं बैठक के दौरान टॉप्स में शामिल किया गया. चोट के कारण उन्हें लंबे समय तक खेल से बाहर रहना पड़ा था. भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) के एक सूत्र ने पीटीआई से कहा, ‘हां, सानिया को हाल में टॉप्स सूची में शामिल किया गया है.’
सानिया ने बच्चे के जन्म के कारण खेल से ब्रेक लिया था. उन्होंने अपनी सुरक्षित (प्रोटेक्टिड) रैंकिंग के आधार पर पहले ही टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालिफाई कर लिया है.
विश्व रैंकिंग में वह अभी 157वें स्थान पर काबिज हैं, लेकिन डब्ल्यूटीए के नियमों के अनुसार जब एक खिलाड़ी चोट या बच्चे के जन्म के लिए छह महीने से ज्यादा समय की छुट्टी लेता है, तो वे एक ‘विशेष रैंकिंग’ (जिसे ‘प्रोटेक्टिड’ रैंकिंग के तौर पर भी जाना जाता है) के लिए अनुरोध कर सकते हैं.
एक खिलाड़ी की विशेष रैंकिंग उनके अंतिम टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के बाद की विश्व रैंकिंग होती है और सानिया के मामले में यह अक्टूबर 2017 में खेला गया चाइना ओपन था. वह तब उस समय विश्व रैंकिंग में नौंवे स्थान पर थीं.
इसलिए इस समय सानिया की विशेष रैंकिंग 9 है और इससे वह पहले ही टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालिफाई कर चुकी हैं. कोविड-19 महामारी के कारण डब्ल्यूटीए ने सभी खिलाड़ियों के लिए विशेष रैंकिंग शुरू की थी.
सानिया बच्चे के जन्म के कारण दो साल तक टेनिस नहीं खेलीं और उन्होंने पिछले साल सत्र के शुरुआती होबार्ट इंटरनेशनल डब्ल्यूटीए टूर्नामेंट से कोर्ट में वापसी की थी. उन्होंने यूक्रेन की नादिया किचेनोक के साथ जोड़ी बनाकर महिला युगल खिताब जीता था.