कोरोना महामारी से जब पूरा विश्व ठहर गया था तब रेल कर्मचारियों ने एक दिन की भी छुट्टी नहीं ली व्यक्तिगत जोखिम उठाते हुए पहले से ज्यादा परिश्रम किया : पीयूष गोयल

रेलमंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को रेल परिवार के नाम एक भावुक और प्रोत्साहित करने वाला पत्र लिखा है। अपने पत्र में रेलमंत्री ने देशभर के रेल कर्मचारियों और अफसरों की कोविड महामारी के दौरान किए गए कार्यों की सरहाना की है।

रेलमंत्री ने अपने पत्र में लिखा कि पिछले वर्ष जैसा अनुभव हम सभी ने पहले कभी नहीं किया है। अपनों के खोने के दुख को कभी भुलाया नहीं जा सकता है, लेकिन आपका धैर्य और संकल्प ही है जिसने कोविड महामारी पर विजय प्राप्त की है। कोरोना महामारी के दौरान हमारे रेल परिवार ने खुद को राष्ट्र की सेवा में समर्पित किया है। जब पूरा विश्व ठहर गया था तब रेल कर्मचारियों ने एक दिन की भी छुट्टी नहीं ली और व्यक्तिगत जोखिम उठाते हुए पहले से ज्यादा परिश्रम करते रहे ताकि अर्थव्यवस्था के पहियों को चालू रखा जा सके।

रेल परिवार को लिखे अपने पत्र में रेलमंत्री ने कहा, मैं बहुत गर्व, संतुष्टि और कृतज्ञता के साथ आपको सूचित कर रहा हूं कि प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में एक और वित्तीय वर्ष का समापन हो रहा है। आपकी प्रतिबद्धता के कारण हमने पूरे देश में आवश्यक वस्तुओं की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की। चाहे वह बिजली संयंत्रों के लिए कोयला हो, किसानों के लिए खाद हो या उपभोक्ताओं के लिए खाद्यान्न हो। देश कोविड के खिलाफ हमारी सामूहिक लड़ाई में हमेशा आपके योगदान को याद रखेगा। आपकी प्रबल इच्छाशक्ति की वजह से हमने इस संकट को एक अवसर में बदल दिया।

रेलमंत्री गोयल ने आगे लिखा, 4,621 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के माध्यम से 63 लाख से अधिक फंसे हुए नागरिकों को उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचाया गया। लॉकडाउन के समय कई सारे प्रतिबंधों के बावजूद 370 सुरक्षा और बुनियादी ढांचे से संबंधित प्रमुख काम संपन्न किए गए। किसान रेल सेवा हमारे अन्नदाताओं को बड़े बाजारों से जोड़ने का माध्यम बनी। आपने अपनी सेवा के माध्यम से इसे संभव बनाया और बदले में लाखों लोगों के दिलों और जीवन को छुआ।

रेलमंत्री ने लिखा, मेरे लिए बहुत गर्व की बात है कि रेलवे ने 1,233 मिलियन टन माल की ढुलाई की गई, जो किसी भी वर्ष की तुलना में सबसे अधिक है। पिछले वित्तीय वर्ष में 6,015 आरकेएम रेल विद्युतीकरण का कार्य सम्पन्न हुआ है। जैसा कि कहा जाता है कि, ‘रिकॉर्ड टूटने के लिए होते हैं’ और भारतीय रेल से बेहतर यह कोई भी नहीं कर सकता है।

अपने पत्र में केंद्रीय मंत्री ने कहा, आज रेलवे ग्राहक-केंद्रित है और अपनी गति में सुधार के साथ-साथ परिचालन दक्षता के लिए कई कदम उठा रही है। इसका परिणाम भी दिखाई दे रहा है, क्योंकि मालगाड़ियों की औसत गति लगभग दोगुनी होकर 44 किलोमीटर प्रति घंटा हो गई है और यात्री ट्रेनों की समयनिष्ठा 96 फीसदी के स्तर पर बनाई रखी गई है। गत दो वर्षों में यात्री मृत्यु दर शून्य रही और रेल दुर्घटनाओं में भी भारी कमी आई है।

रेल परिवार को धन्यवाद देते हुए रेलमंत्री गोयल ने लिखा कि आपके समर्पण और शानदार प्रयासों के लिए मैं आपको धन्यवाद देता हूं। मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि इस प्रेरित टीम के साथ हम लगातार रिकॉर्ड तोड़ते रहेंगे, बड़े लक्ष्य हासिल करेंगे, अपने प्रदर्शन से दूसरों के लिए उदाहरण बनेंगे और भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में योगदान देंगे।

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