होली के बाद प्रदेश में नई सियासी धारा विकसित करने की कवायद शुरू हो गई है। होली पर भतीजे अखिलेश की बेरुखी देख चाचा शिवपाल सिंह यादव की उम्मीदें टूटती नजर आ रही हैं। वह अब इंतजार के मूड में नहीं हैं और अलग तैयारी में जुट गए हैं। सैफई से लौटने के बाद वह सुबह-शाम अलग-अलग इलाके के पदाधिकारियों के साथ मंथन कर रहे हैं।
उन्होंने साफ कहा कि भाजपा को सत्ता से बेदखल करने के लिए समान विचारधारा वालों को एक मंच पर लाएंगे। यह नया मंच प्रदेश की सियासत में क्या नया अध्याय रचेगा यह तो समय ही बताएगा।
प्रदेश की सियासी नब्ज पर नजर रखने वालों को उम्मीद थी कि होली पर सैफई में चाचा-भतीजे के बीच दूरियां कम हो सकती हैं। हर वर्ष इसका माध्यम बनते थे परिवार के मुखिया मुलायम सिंह यादव। लेकिन स्वास्थ्य कारणों से इस बार वह सैफई नहीं पहुंचे।
मुलायम के सैफई में होने पर शिवपाल बिना बुलावे होली मिलन समारोह में सपा संरक्षक सहित अन्य भाइयों का आशीर्वाद लेने पहुंचते रहे हैं, लेकिन इस बार सैफई में न मुलायम पहुंचे और न ही परिवार से बुलावा आया।
मंगलवार को लखनऊ पहुंचे प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष शिवपाल ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ सियासी रणनीति तय की। आगामी विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी करीब 150 सीटों पर एक दौर का होमवर्क कर चुकी है। 15 दिन में दोबारा सीटवार स्थिति की समीक्षा होगी। इसी तरह करीब 50 विधानसभा क्षेत्र में पार्टी उम्मीदवार प्रचार-प्रसार में जुटे हैं। उन्हें चुनावी मोड में निरंतर सक्रिय रहने के निर्देश दिए गए हैं।
शिवपाल ने बुधवार को कहा कि वह भाजपा को सत्ता से बेदखल करने के लिए समान विचारधारा वाले दलों को एक मंच पर आने की निरंतर अपील करते रहे हैं। उनका प्रयास होगा कि समान विचारधारा वाले दलों को एक मंच पर लाकर जनता को नया सियासी विकल्प दिया जाएगा। किसानों, छात्रों, नौजवानों व व्यापारियों को जोड़कर भाजपा से सीधा मुकाबला करने की तैयारी है।
सपा से गठबंधन के सवाल पर उन्होंने फिर दोहराया कि वह समान विचारधारा के साथ चलने को तैयार हैं। भाजपा को हराने के लिए उनकी तरफ से सभी विकल्प खुले हैं।