केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने राज्यसभा में बताया कि पिछले कुछ सालों में करीब 3,800 कश्मीरी प्रवासी प्रधानमंत्री के विशेष पैकेज के तहत रोजगार हासिल करने के लिए जम्मू-कश्मीर वापस लौटे हैं। इनमें से 520 प्रवासी तो विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के खात्मे के बाद वापस आए हैं।
मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री पैकेज के तहत कश्मीरी प्रवासी युवाओं के लिए विशेष रोजगार का प्रावधान उनके पुनर्वास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
ये वे प्रवासी हैं, जिन्होंने 1990 के दशक में आतंकवाद की वजह से घाटी छोड़ दी थी। उन्होंने बताया चयन प्रक्रिया के सफलतापूर्वक पूरा होने पर वर्ष 2021 में इसी नीति के तहत लगभग 2,000 और प्रवासी नागरिकों के प्रदेश में लौटने की उम्मीद है।
उन्होंने बताया कि वर्ष 1990 में जम्मू-कश्मीर की तत्कालीन सरकार द्वारा स्थापित राहत कार्यालय की एक रिपोर्ट के अनुसार, 44,167 कश्मीरी प्रवासी परिवार पंजीकृत हैं जिन्हें सुरक्षा चिंताओं के कारण घाटी से बाहर जाना पड़ा था।